जवाहर नवोदय बना नोडल विद्यालय, मिली यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

👉 छात्राएं शैक्षणिक भ्रमण के तहत टिकरिंग प्रयोशाला हेतु रवाना सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी/गरमपानी भारत सरकार के विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के अंतर्गत नवीं से लेकर कक्षा…

जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट, सुयालबाड़ी, नैनीताल

👉 छात्राएं शैक्षणिक भ्रमण के तहत टिकरिंग प्रयोशाला हेतु रवाना

सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी/गरमपानी

भारत सरकार के विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के अंतर्गत नवीं से लेकर कक्षा बारहवीं की बेटियों के लिए विशेष शैक्षणिक स्थलों के लिए पर्यटन की व्यवस्था की गई है। इस हेतु जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट, सुयालबाड़ी, नैनीताल को नोडल विद्यालय बनाया गया है। जेएनवी ने पड़ोस के 03 अन्य विद्यालयों को भी कार्यक्रम से जोड़ा है। आज जेएनवी सुयालबाड़ी, ढोकाने, लोहाली व खैरना की तमाम बालिकाएं शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत अटल टिकरिंग प्रयोशाला को देखने के लिए राजकीय इंटर कॉलेज हवालबाग अल्मोड़ा रवाना हो गए हैं।

जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट, सुयालबाड़ी नैनीताल के प्राचार्य पूरन चंद्र उपाध्याय ने बताया कि कार्यक्रम के तहत पड़ोस के विद्यालयों की कक्षा बारहवीं एवं दसवीं की बेटियों को भी विज्ञान ज्योति कार्यक्रम से जोड़ा गया है। पड़ोस के तीन विद्यालयों को विज्ञान ज्योति कार्यक्रम से जोड़ा गया है। जिसमें अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज ढोकाने, राजकीय इंटर कॉलेज लोहाली एवं गोविंद बल्लभ पंत इंटर कॉलेज खैरना शामिल हुए हैं।

प्राचार्य पूरन चंद्र उपाध्याय ने बताया कि विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के अंतर्गत 22 सितंबर, 2023 को जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट, सुयालबाड़ी, नैनीताल की 62 बेटियां, अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज ढोकाने की 30, राजकीय इंटर कॉलेज लोहाली की 11 तथा जीबी पंत इंटर कॉलेज खैरना की 14 बेटियां शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत अटल टिकरिंग प्रयोशाला को देखने के लिए राजकीय इंटर कॉलेज हवालबाग अल्मोड़ा जा रहे हैं।

उक्त बेटियों के साथ संरक्षक अध्यापक के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट, सुयालबाड़ी, नैनीताल के शिक्षक एवं शिक्षिकायें प्रेमशीला सिंह, रागिनी गोयल, पप्पल चौधरी, लता त्रिपाठी, नारायण सिंह धर्मशक्तू, दिनेश कुमार, शंकुल भारद्वाज एवं नीरज तिवारी भी मार्गदर्शन एवं ज्ञानवर्धक के रूप में जा रहे हैं ताकि अटल टिकरिंग प्रयोशाला के माध्यम से बेटियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जा सके।

जानिए विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के लाभ

प्राचार्य पूरन चंद्र उपाध्याय ने बताया कि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत कक्षा नवीं से लेकर कक्षा बारहवीं तक की छात्राओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए विज्ञान ज्योति कार्यक्रम को विगत चार वर्षों से लागू किया है। विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा बारहवीं की बेटियों को प्रतिवर्ष 12000 रुपया प्रति बालिका छात्रवृत्ति दी जाती है। प्रतिवर्ष प्रति बालिका को 12 हजार रुपये की वैज्ञानिक दृष्टिकोण की पाठ्य पुस्तके प्रदान की जाती हैं तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए शैक्षणिक भ्रमण, शैक्षणिक उन्नयन के लिए प्रतिवर्ष प्रति बालिका 12 हजार रुपया प्रदान किया जाता है। इस प्रकार से विज्ञान ज्योति के अंतर्गत प्रतिवर्ष प्रति बालिका पर 36 हजार रूपये भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय द्वारा खर्च किया जा रहा है।

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