Uttarakhand : अब प्रतिबंध नही, कीजिए बाबा नीब करौरी के कैंची और विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम के दर्शन, जान लीजिए कोविड प्रोटोकॉल के यह नियम…..

सीएनई रिपोर्टर अल्मोड़ा/नैनीताल लंबे समय तक कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते सुरक्षा हेतु बंद किये गये अपार आस्था के प्रतीक कैंची व जागेश्वर…

सीएनई रिपोर्टर अल्मोड़ा/नैनीताल

लंबे समय तक कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते सुरक्षा हेतु बंद किये गये अपार आस्था के प्रतीक कैंची व जागेश्वर धाम अब श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलने के बाद देव मंदिरों में रौनक लौट आई है। मंदिर में अब श्रद्धालुजन काफी संख्या में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल के सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।

उल्लेखनीय है कि जागेश्वर धाम गत मंगलवार को पूरे 68 दिन बाद भक्तों के लिए खुला। जिसके बाद प्रथम दिवस से ही यहां श्रद्धालु पहुंचने लगे। ज्ञात रहे कि कैंची व जागेश्वर धाम में उत्तराखंड के तमाम जनपदों के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुरुग्राम, बरेली सहित तमाम राज्यों से श्रद्धालुजन पहुंचते हैं। सैलानियों की यदि बात करें तो उत्तर प्रदेश से आने वालों की सबसे अधिक संख्या है।

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जागेश्वर धाम मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि कोविड नियमों का यहां अनुपालन किया जा रहा है। मंदिर में दर्शनों की अनुमति है, लेकिन विशेष पूजन ऑनलाइन ही किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जागेश्वर धाम आने वाले पर्यटक व श्रद्धालुओं का प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड के आधार पर पंजीकरण किया जा रहा है। साथ ही हर ​व्यक्ति को सैनिटाइजेशन करवाना होगा। कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्ति का मंदिर में प्रवेश वर्जित है।

वहीं कैंचीधाम भी अब श्रद्धालुजनों के लिए खुला है। भक्तगण सामाजिक दूरी बनाकर नीब करौरी बाबा के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर समिति प्रबंधक विनोद जोशी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते 15 जून मंदिर को स्थापना दिवस पर दर्शन बंद रहे, किंतु अब मंदिर में कोई भी दर्शन कर सकता है।

जागेश्वर धाम प्रवेश से पूर्व इन नियमों का करना होगा अनुपालन —

  • मंदिर समूह के गर्भ गृह में प्रवेश पूर्णरूप से प्रतिबंधित है।
  • बाहर से कोई भी सामान लेकर मंदिर में प्रवेश नही करने दिया जायेगा।
  • देव स्थान पर टीका लगाना, घंटी बजाना, प्रसाद लेना और देना प्रतिबंधित है।
  • श्रद्धालुजन पुजारी के सीधे संपर्क में नहीं आयेंगे।
  • सुबह 07 से शाम 06 बजे तक ही दर्शन किये जा सकते हैं।
  • श्रद्धालुजन बिना कारण अधिक देर तक मंदिर में नही रूकेंगे।
  • दर्शन के लिए मात्र 10 मिनट का समय दिया जायेगा।

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