सीएनई रिपोर्टर, जागेश्वर/अल्मोड़ा
जागेश्वर में समस्त प्राणियों के सुख, समृद्धि एवं आरोग्य की कामना के साथ झाकर सैम मंदिर तक ढोल—नगाड़ों के साथ जातुरा का आयोजन किया गया, जिसमें तमाम श्रद्धालुजन सम्मलित हुए।
उल्लेखनीय है कि होली के भंडारे के बाद बुधवार को समस्त क्षेत्रवासियो द्वारा एक यात्रा (जातुरा) का आयोजन किया गया। इस यात्रा का आयोजन प्रति वर्ष होली के बाद किया जाता है। ये यात्रा जागेश्वर से झाकर सैम मन्दिर तक जाती है। इसमें समस्त क्षेत्र में सुख—शांति की मंगल कामना निहित होती है।
इस मौके पर पंडित शुभम भट्ट, तारा चन्द्र भट्ट, योगेश भट्ट, ललित भट्ट, गोकुल भट्ट, भगवानभट्ट, प्रकाश भट्ट, कमल सनवाल, राजेश भट्ट, केवल भट्ट, हरीश नाथ, कैलाश भट्ट, मनोज भट्ट, मुकेश भट्ट व सहित जागेश्वर क्षेत्र के तमाम जन प्रतिनिधि व क्षेत्र की जनता मौजूद रही।
उल्लेखनीय है कि भगवान शिव के सबसे विख्यात मंदिरों में से उत्तराखंड के जागेश्वर धाम से 03 किलोमीटर की दूरी पर स्थित झांकर सैम का मंदिर भी है। मान्यता है कि जागेश्वर धाम में तरुण जागेश्वर के रूप में स्थापित किये जाने से पहले भगवान शिव ने यहां तप किया था, लेकिन जब वे यहां तप कर रहे थे सप्तर्षियों की पत्नियां उनके आकर्षण से मोहित हो गईं। इससे सप्तर्षि क्रुद्ध हो गए और भगवान शिव को तरुण जागेश्वर में स्थापित किया गया। झांकर सैम में वे सैम देवता के रूप में उपस्थित हैं। कुमाऊं में मान्यता है कि इस मंदिर को शिवजी की जटाओं के कारण यह नाम मिला। इस मंदिर में भगवान शिव और महाकाली का वास माना जाता है। झांकर सैम का महात्म्य ‘मानसखंड’ में भी वर्णित है।