✍️ अल्मोड़ा डायट में शिक्षकों को संबोधित करते प्राचार्य ने कही यह बात
✍️ तीन दिवसीय विद्यालय सुरक्षा एवं स्वच्छता प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: प्रत्येक विद्यालय के बच्चों को स्वच्छता कार्यक्रमों से जोड़ना बेहद जरुरी है, ताकि घर—घर स्वच्छता की अलख जगे। तभी प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन की कल्पना साकार होगी। यह बात आज अल्मोड़ा डायट में आयोजित शिक्षकों की तीन दिनी विद्यालय सुरक्षा एवं स्वच्छता विषयक प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन कार्यक्रम डायट के प्राचार्य गोपाल सिंह गैड़ा ने कही। इस कार्यशाला में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए डायट के प्राचार्य गोपाल सिंह गैड़ा ने प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों से कहा कि बच्चों को विभिन्न मानव जनित व दैवीय आपदाओं से बचने के लिए विभिन्न उपायों की जानकारी दी जानी चाहिए। साथ ही साइबर अपराध व स्वास्थ्य सुरक्षा के बारे विस्तार से बताने की जरुरत है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रकाश पंत ने कार्यशाला में प्रतिभागियों को सैद्धांतिक और व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया। विद्यालय सुरक्षा की आवश्यकता एवं महत्व, समिति के गठन तथा विद्यालय में सुरक्षा संबंधी विभिन्न उपायों की जानकारी दी गई। एसडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सहयोग से प्राथमिक चिकित्सा, स्ट्रेचर निर्माण समेत विभिन्न प्रकार की आपदाओं के वक्त उठाये जाने वाले कदमों, आपदा प्रबंधन से संबंधित उपकरणों की जानकारी दी गई। साथ ही भूकंप मॉक ड्रिल हुआ, जिसमें घायलों को निकालने तथा उनको सुरक्षित चिकित्सालय तक पहुंचाने की गतिविधियों का अभ्यास प्रशिक्षण में कराया गया।
मुख्य प्रशिक्षक डॉ. सतीश भट्ट ने प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित उपकरणों की जानकारी देते हुए आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों तथा विभिन्न उपचारों की जानकारियां भी विस्तारपूर्वक दी गई। कार्यक्रम के अंतिम रोज चिकित्सा अधिकारी हवालबाग डॉ. विशाल शर्मा ने विभिन्न चिकित्सकीय जानकारियों को साझा किया। विद्यालय में स्वास्थ्य संबंधी होने वाली समस्याओं उनके निदान तथा आपात स्थिति में चिकित्सकीय सहायता के बारे में समझाया गया। कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन की ओर से आलोक वर्मा व पंकज डंगवाल के नेतृत्व में विभिन्न मॉक ड्रिल कराए गए। इस मौके पर डॉ. नीलेश उपाध्याय, डॉ. हरिवंश बिष्ट, डॉ. सतीश भट्ट, प्रशासनिक अधिकारी उमेश चंद मिश्रा, डॉ. गिरजा भूषण जोशी, संजय बिष्ट, चंद्रशेखर नेगी, प्रतिभा धपोला, कैलाश तिवारी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रकाश पंत ने किया, जबकि प्रशिक्षण में अल्मोड़ा जनपद के समस्त विकासखंडों से कुल 97 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।