अल्मोड़ा : शहर में यह कमी दे रही आपदों को निमंत्रण, डीएम ने जारी किया यह आदेश..
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में निरंतर विकास तो हो रहा है, लेकिन पानी की निकासी यानी ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही वह कारण है कि अतिवृष्टि के दौरान यहां भूस्खलन होते हैं। डीएम अल्मोड़ा ने विभागीय अधिकारियों की बैठक में यह बात कही। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को ड्रेनेज व्यवस्था को लेकर काम करने के आदेश जारी किये
अल्मोड़ा शहर के अंतर्गत ड्रेनेज के स्थाई समाधान के संबंध में जिलाधिकारी वंदना सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन में हुई बैठक में जल संस्थान, जल निगम, नगर पालिका एवं जीबी पंत पर्यावरण संस्थान के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि शहर अंतर्गत लगातार विकास हो रहा है, लेकिन ड्रेनेज पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाने के कारण भारी बरसात में पानी निकासी न होने के फलस्वरुप भूस्खलन का खतरा बना रहता है। पूर्व में स्थित प्राकृतिक ड्रेनेज व जल निकासी स्रातों के बंद होने से यह स्थिति पैदा हो रही।
जिलाधिकारी ने कहा कि हमें बंद पड़े प्राकृतिक ड्रेनेज को खोलने व नया ड्रेनेज सिस्टम विकसित करने के संबंध में विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि इस ओर प्रशासन स्तर से कार्य शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण में एनटीडी वार्ड में ड्रेनेज व्यवस्था को लेकर कार्य प्रारंभ किया गया है इसमें सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वे कार्य किया गया है। इसके अलावा इंदिरा कॉलोनी में भी सर्वे प्रारंभ कर दिया गया है जिसे 15 नवंबर तक पूरा करने के निर्देश सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिए गए हैं सर्वे के आधार पर विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार किया जाएगा जिसमें जी बी पंत पर्यावरण संस्थान का तकनीकी सहयोग के आधार पर प्रस्ताव को शासन में प्रेषित किया जाएगा। साथ ही इन क्षेत्रों की जीआईएस मैपिंग भी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इसमें दीर्घकालिक योजना के आधार पर सर्वे किया जा रहा है इन कार्यों के लिए कमेटी का गठन भी किया गया है जो समय-समय पर अपने सुझाव देगी। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों ने अपने अपने विचार रखें। बैठक में प्रोफेसर जेएस रावत, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडे के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।