लाल किले से पीएम मोदी बोले – पांच वर्षों में भारत बनेगी दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान करते हुए आज कहा कि अभी देश दुनिया…

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान करते हुए आज कहा कि अभी देश दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है और अगले पांच वर्षों में यह तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगी।

मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2014 में 10वें पायदान पर था जो अब पांचवें स्थान पर आ चुका है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, तब दुनिया में विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान महंगाई से लेकर देश की अर्थव्यवस्था तक हर मुद्दे पर बोला और सरकार के लक्ष्य को देशवासियों के सामने रखा। उन्होंने अपने 10 वषों के कार्यकाल की उपलब्धियों से भी देशवासियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी और ये मोदी की गांरटी है।

उन्होंने कहा कि भारत के 10वें नंबर से ऊपर उठकर अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है जो ऐसे ही नहीं हुआ है। इसके लिए रिसाव को बंद किया गया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई गयी, गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया गया।

उन्होंने कहा “ मैं आपको गारंटी देता हूं अगले पांच साल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।” उन्होंने कहा कि देश जब आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है। देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है। मोदी ने कहा “हमारा लक्ष्य अर्थव्यवस्था को मजबूत करना, लोगों को सशक्त बनाना और भारत को एक विकसित देश बनाना है। जब देश में गरीबी कम होती है तो मध्यम वर्ग की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का ये कालखंड भारत के भविष्य को गढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने अपने दो कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुये कहा कि पिछले 9 साल में राज्यों को 100 लाख करोड़ दिये गये हैं। जब वह सत्ता में आये, तो उनके कार्यकाल में राज्यों को 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए हैं और 2014 से पहले उन्हें 30 लाख करोड़ रुपये दिए गए। गरीबों के आवास के लिए 4 लाख करोड़ रुपये दिये गये हैं। 2014 से पहले, गरीबों के आवास के लिए 90,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाते थे। मोदी सरकार 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है ताकि किसानों को सब्सिडी वाला यूरिया मिल सके।

मोदी ने कहा कि देश के निर्यात में जबरदस्त तेजी आयी है और 500 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहले स्थानीय निकाय के विकास के लिए भारत सरकार के खजाने से 70 हजार करोड़ रूपये जाता था, आज वो तीन लाख करोड़ से भी ज्यादा जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 20 लाख करोड़ रुपए उससे भी ज्‍यादा देश के नौजवानों को स्‍वरोजगार के लिए, अपने व्‍यवसाय के लिए, अपने कारोबार के लिए दिए हैं। आठ करोड़ लोगों ने नया कारोबार शुरू किया है और 08 से 10 करोड़ नए लोगों को रोजगार देने का सामर्थ्य ये मुद्रा योजना से लाभ लेने वाले 08 करोड़ नागरिकों ने किया है। एमएसएमई को करीब साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए की मदद से कोरोना के संकट में भी उनको डूबने नहीं दिया। उनको एक ताकत दी है।

उन्होंने कहा कि साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी की इस मुसीबतों से बाहर निकलते हैं तो कैसी-कैसी योजनाओं ने उन्‍हें मदद दी है, उनको आवास योजना का लाभ मिलना, पीएम स्‍वनिधि से 50 हजार करोड़ रुपए रेहड़ी-पटरी वालों तक पहुंचाया है।

उन्होंने कहा “ पीएम किसान सम्‍मान निधि में ढाई लाख करोड़ रुपया सीधा मेरे देश के किसानों के खाते में जमा किया है। हमने जल जीवन मिशन हर घर में शुद्ध पानी पहुंचे, दो लाख करोड़ रुपया खर्च किया है। हमने आयुष्‍मान भारत योजना ताकि गरीब को बीमारी के कारण अस्‍पताल जाने से जो मुसीबत होती थी, उससे मुक्‍ति दिलाना। उसको दवाई मिले, उसका उपचार हो, ऑपरेशन हो अच्‍छे से अच्‍छे हॉस्पिटल में हो, आयुष्‍मान भारत योजना के तहत 70 हजार करोड़ रुपये हमने लगाए हैं। पशुधन देश ने कोरोना वैक्‍सीन की बात तो देश को याद है, 40 हजार करोड़ रुपये लगाए, वो तो याद है लेकिन आपको जानकर के खुशी होगी हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब–करीब 15 हजार करोड़ रुपया पशुधन के टीकाकरण के लिए लगाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि शहर के अंदर कमजोर लोग रहते हैं। मध्‍यम वर्गीय परिवार अपने खुद के घर का सपना देख रहे हैं। हम उसके लिए भी आने वाले कुछ सालों के लिए एक योजना लेकर के आ रहे हैं और जिसमें ऐसे मेरे परिवारजन जो शहरों में रहते हैं, लेकिन किराए के मकान पर रहते हैं, झुग्‍गी-झोपड़ी में रहते हैं, चाल में रहते हैं, अनाधिकृत कॉलोनी में रहते हैं।

ऐसे मेरे परिवानजन अगर अपना मकान बनाना चाहते हैं तो बैंक से जो लोन मिलेगा उसके ब्‍याज में राहत देकर के लाखों रुपयों की मदद करने का निर्णय किया गया है। मध्‍यम वर्गीय परिवार को दो लाख से 7 लाख आयकर की सीमा बढ़ जाती है तो सबसे बड़ा लाभ सैलरी क्‍लास को होता है। 2014 से पहले इंटरनेट का डेटा बहुत महंगा था। अब दुनिया का सबसे सस्ता इंटरनेट का डेटा भारत में है और हर परिवार के पैसे बच रहे हैं।

लाल किले पर तिरंगा रैली में देशवासियों के उत्साह की दिखी झलक

देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को लाल किले के पथ पर निकाली गई तिरंगा रैली में देशवासियों के उत्साह की झलक दिखी वहीं उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण से उपस्थित जनसमूह को मोहित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

प्रधानमंत्री अपने दमदार भाषण के साथ-साथ अपनी वेशभूषा और पगड़ी से भी देशवासियों का दिल जीतते रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजस्थान की विशेष बांधनी शैली की पगड़ी कॉलर और कफ वाला सफेद रंग का लंबा कुर्ता, चूड़ीदार पायजामा और काले रंग की वी गले वाली जैकेट पहन कर ध्वजारोहण किया।

मोदी ने करीब 93 मिनट के अपने भाषण में देश की 140 करोड़ जनता को परिवार कहकर बार-बार सम्बोधित किया। उन्होंने देश की जनता पर विश्वास जताते हुए अगले वर्ष फिर से लाल किले की प्राचीर से अपने सम्बोधन की बात कही। उन्होंने कहा, “मैं आज आपसे मदद और आशीर्वाद मांगने आया हूं। अभी जिन योजनाओं के शिलान्यास कर रहा हूं उसका उद्घाटन भी मै ही करूंगा। अगले साल 15 अगस्त पर फिर आउंगा।”

इस बार स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न प्रदेशों से आये आंगतुक अपनी पारंपरिक वेशभूषा में देखे गये। समारोह के दौरान वायुसेना के दो हेलीकाप्टरों ने दर्शकों पर पुष्प वर्षा की जिसे देखकर दर्शकों के पूरे हुजूम ने जोश के साथ भारत माता की जय का नारा लगाया।

लाल किले पर आयोजित समारोह का हिस्सा बनने के लिए देश भर से विभिन्न व्यवसायों से जुड़े लगभग 1,800 लोगों को उनके जीवनसाथी के साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। यह पहल सरकार के ‘जनभागीदारी’ दृष्टिकोण के अनुरूप की गई है। इन विशिष्ट अतिथियों में 660 से अधिक जीवंत गांवों के 400 से अधिक सरपंच, किसान उत्पादक संगठन योजना से जुड़े 250 लोग, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के 50-50 प्रतिभागी, नये संसद भवन सहित सेंट्रल विस्टा परियोजना से जुड़े 50 श्रम योगी (निर्माण श्रमिक), 50-50 खादी कार्यकर्ता, सीमा पर स्थित सड़कों के निर्माण, अमृत सरोवर और हर घर जल योजना से जुड़े लोगों के साथ-साथ 50-50 प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, नर्स और मछुआरे शामिल हैं।

इनमें से कुछ विशिष्ट अतिथियों का दिल्ली में अपने प्रवास के दौरान राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा करने और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट से मुलाकात करने का कार्यक्रम है। प्रत्येक राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश से पचहत्तर दंपत्तियों को भी उनकी पारंपरिक पोशाक में लाल किले में आयोजित समारोह को देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।

इस बार लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने कई योजनाओं की घोषणा की। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि अगले महीने विश्वकर्मा जयंती पर 15 हजार करोड़ की विश्वकर्मा योजना की होगी शुरुआत की जायेगी। इसी के साथ उन्होंने शहरों में रिण लेकर घर बनाने वाले लोगों को ब्याज में छूट की योजना देने घोषणा की।
प्रधानमंत्री अपना सम्बोधन समाप्त करने के बाद अपनी पुरानी परंपरा के अनुसार बच्चे से मिलने भी गये।

स्वतंत्रता दिवस पर आज आसमान में छाए बादलों ने दर्शकों और वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को अपनी छाया से सूरज की तेज धूप से बचाए रखा, हालांकि प्रधानमंत्री के सम्बोधन के कुछ देर सूर्य देवता के उदय होने से हुई गर्मी के बावजूद वहां मौजूद लोगों के उत्साह कमी नहीं आयी और लोग तौलिये से पसीना पोंछते और पानी पीते हुए उनकी आकर्षक घोषणाओं पर ताली बजाते रहे।

यह मोदी के दूसरे कार्यकाल का लाल किले से आखिरी सम्बोधन था। इस बार के भाषणा में मोदी ने कहा “ मेरे परिवारजनों, मैं आपके बीच से आया हूं। मैं आपके लिए जीता हूं और पसीना भी आप के लिए बहाता हूं।” इस बार दर्शकदीर्घा में पीछे की ओर स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों में उनके वीरता और अंग्रेजों द्वारा उनके दमन को दर्शया गया हुआ था। इसमें देश भर में आजादी के लिए हुए संघर्षो और उसके प्राचीन गौरव की गाथा को आकर्षक तरीके से व्यक्त किया गया था।

प्रधानमंत्री ने युवाओं पर भरोसा जताते हुए कहा, “वर्ष 2047 में जब देश आजादी के 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तब दुनिया में हमारा झंडा विकसित भारत का झंडा होना चाहिए। इसके लिए हमें भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ लड़ना होगा।”

उन्होंने विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि ये नया भारत है,आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, ये संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। इसलिए ये भारत न रुकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही ये भारत हारता है। लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन समाप्त होने के बाद छोड़े गये तिरंगे गुब्बारों को दर्शक देर तक निहारते देखे गये।

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