नया आदेश: नदियों व जल धाराओं में मूर्ति या पूजा सामग्री का विसर्जन किया, तो सकती है 05 साल की सजा व जुर्माना

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाअब नदियों व जल धाराओं में मूर्ति, पूजा सामग्री व अन्य धार्मिक वस्तुओं का निस्तारण किया, तो काफी महंगा पड़ेगा। इस पर प्रतिबंध…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अब नदियों व जल धाराओं में मूर्ति, पूजा सामग्री व अन्य धार्मिक वस्तुओं का निस्तारण किया, तो काफी महंगा पड़ेगा। इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रतिबंध के उल्लंघन पर 05 साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक अर्थदंड हो सकता है।

दरअसल, राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने आदेश पारित किए हैं। इस क्रम में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मूर्ति व पूजा सामग्री विसर्जन के संबंध में संशोधित गाइड लाइन जारी है। इसकी जानकारी अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह मर्तोलिया ने दी है। एडीएम श्री मर्तोलिया ने बताया कि नदियों एवं जल धाराओं में मूर्ति, पूजा सामग्री एवं अन्य धार्मिक वस्तुओं के निस्तारण को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा—5 के अन्तर्गत कार्यवाही का प्राविधान किया गया है, जिसमें 05 वर्ष की सजा एवं 01 लाख का अर्थदण्ड अथवा दोनों आरोपित किये जायेंगे।

श्री मर्तोलिया ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस गाइड लाइन के अनुरूप आगामी त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत नदियों एवं जल धाराओं में मूर्ति, पूजा सामग्री एवं अन्य धार्मिक वस्तुओं के विसर्जन को रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए।

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