देखिए, कैसे बेजुबान चीतल को रेस्क्यू टीम ने दिया जीवन दान

देहरादून। आज हम आपको दिखा रहे हैं ऐसा रेस्कयू आपरेशन जिसका अंत देखकर आप को भी एक तसल्ली होगी आपके दिल को ठंडक पहुंचेगी। यह…

देहरादून। आज हम आपको दिखा रहे हैं ऐसा रेस्कयू आपरेशन जिसका अंत देखकर आप को भी एक तसल्ली होगी आपके दिल को ठंडक पहुंचेगी। यह रेस्कूय हुआ है आज दोपहर बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के शिमला बायपास रोड स्थित मल्हान गांव में। जहां तकरीबन दस से12 फीट गहरे कुएं में गिरे चीतल को वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। और फिर उसे जंगल में छोड़ दिया।


दरअसल आज दोपहर ग्रामीणों ने आशारोडी के रेंज अफीसर डा. उदय नंद गौर को सूचना दी थी मल्हान गांव में एक चीतल कुएं में गिरा हुआ है। रेंज आफीसर ने यह जानकारी वन विभाग की रेस्क्यू टीम को दी और फिर टीम प्रभारी रवि जोशी के नेतृत्व में टीम ने कुएं पर पहुंच कर बेजुबान चीतल को नई जिंदगी प्रदान की। रेस्क्यू आपरेशन पूरे एक घंटे चला। दोपहर बाद 3 बजकर 35 मिनट परप यह आपरेशन शुरू किया गया। टीम में रेस्क्यू टीम के जितेंद्र बिष्ट, प्रवेश कुमार और अरशद के अलावा मल्हान के बीट आफीसर लक्ष्मी प्रसाद शामिल थे। सबसे पहले चीतल को कुंए में उतर कर पकड़ने का प्रयास किया गया लेकिन यह मेल चीतल बचाव दल के सदस्य को मारने का प्रयास करने लगा। इस पर एक कपड़ा लाकर उसके मुंह पर डाला गया और फिर चीतल के सिंगों को रस्सी से कस कर बांधा गया। इस बीच अपने आपको बचाने के फेर में चीतल कीचड़ में बुरी तरह से सन गया। टीम के सदस्य भी कीचड़ से लथ पथ हो गए। बीच बीच में चीतल उन्हें सिंगों से मारने का प्रयास भी करता रहा । लेकिन अंतत: जीत हुई मानवता की। चीतल को रस्सियों के सहारे सकुशल कुएं के उपर लाया गया और फिर उसके शरीर में चोटों की जांच करने के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया गया।
जब वन विभाग की टीम ने चीतल को बंधन मुक्त किया तो आसपास खड़े ग्रामीणों ने उनकी तालियां ब जा कर सराहना की।

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