नैनीताल | उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand High Court) ने बागेश्वर लोक निर्माण विभाग की आवासीय कॉलोनी में अतिक्रमण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है और बागेश्वर जिला विकास प्राधिकरण और निजी पक्षकार को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई पर लोक निर्माण विभाग के अधिशाशी अभियंता को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले को बागेश्वर के व्यापार मंडल के अध्यक्ष कवि जोशी ने जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बागेश्वर तहसील रोड पर स्थित लोक निर्माण विभाग की आवासी कॉलोनी के अंदर निजी पक्षकार द्वारा अतिक्रमण कर वृहद् रूप से व्यावसायिक निर्माण किया जा रहा है।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता की ओर से जिला प्रशासन को अवैध निर्माण पर रोक लगाने की मांग की गयी लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। याचिका में यह भी कहा गया है कि बागेश्वर में ही सिंचाई विभाग की नहर के ऊपर भी निजी व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से दोनों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गयी।
याचिका में जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, अधिशाशी अभियंता, सिंचाई विभाग सहित विवेक होटल के मालिक को पक्षकार बनाया गया है।
नैनीताल (गजब हाल) : अधिकारी ने शौचालय को कमरा बनाकर लगा दिया किराए पर, कमिश्नर रावत ने पकड़ा खेल – Click Now |
कढ़ाई में इस तरह बनायें स्वादिष्ट वेज पुलाव Click Now |