सीएनई डेस्क। भारत—पाक के बीच चल रहे तनाव के बीच लेटस्ट ख़बर आई है। भार सरकार ने चिनाब नदी पर बने डैम बगलिहार और सलाल डैम के सभी गेटों बंद कर पाकिस्तान की ओर जाने वाली पानी को पूरी तरह से रोक दिया है। डैम के बंद होने के बाद पाकिस्तान में जबरदस्त जल संकट के आसार हैं। वहीं, पाकिस्तान ने भारत को भला—बुरा कहते हुए युद्ध की धमकी दी है।
उल्लेखनीय है कि भारत ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब पर बने सियाल और बगलिहार बांध के गेट बंद कर दिए हैं। इसके चलते पाकिस्तान जाने वाला चिनाब का पानी रुक गया है और वाटर लेवल घटकर कुछ घंटों में 15 फीट और अब मात्र 2 फीट तक सिकुड़ गया है।
पानी को तरसेगी 3 करोड़ से ज्यादा पाकिस्तानी आवाम
बता दें कि पाकिस्तान में चिनाब का पानी 22 फीट था जो लगातार घट रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह अब मात्र 2 फीट रह गया है। चिनाब के लगातार सिकुड़ने से 4 दिन बाद पंजाब के 24 अहम शहरों में 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ सकता है।
पाकिस्तान के फैसलाबाद और हाफिजाबाद जैसे घनी आबादी वाले शहरों की 80% आबादी पेयजल के लिए चिनाब के सतही पानी पर निर्भर है। सिंधु जल प्राधिकरण ने आशंका जताई कि भारत के इस कदम से खरीफ की फसलों के लिए पानी में 21% की कमी आएगी। पाकिस्तानी संसद ने इसे युद्ध छेड़ने की कार्रवाई बताया है।
झेलम पर कार्रवाई का प्लान
एक रिपोर्ट के अनुसार, बगलिहार बांध को बंद करने के बाद भारत झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध पर भी इसी तरह का कदम उठाने की प्लानिंग चल रही है। झेलम की सहायक नदी नीलम पर किशनगंगा डैम के प्रभाव को कानूनी और कूटनीतिक जांच का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के इस्तेमाल को नियंत्रित करता है, लेकिन भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद संधि को रद्द कर दिया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे।
भारत ने 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता रोका
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौता रोक दिया है। 19 सितंबर 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच 6 नदियों का पानी बांटने को लेकर सिंधु जल समझौता हुआ था। समझौते के तहत भारत को तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का इस्तेमाल करने की परमिशन दी गई।
पाकिस्तान की 80% खेती सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के पानी पर निर्भर है। अब भारत की तरफ से इन नदियों का पानी रोक देने से पाकिस्तान में जल संकट गहराएगा। वहां की आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। इसके अलावा पाकिस्तान कई डैम और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से बिजली बनाता है। पानी की कमी से बिजली उत्पादन में गिरावट आ सकती है, जिससे आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा।
जल और रक्त एक साथ नहीं बह सकते
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह गैर-सैन्य और सैन्य दोनों विकल्पों से पाकिस्तान को जवाब दे सकता है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “जल और रक्त एक साथ नहीं बह सकते हैं।”
पाकिस्तान ने कहा हमारी मिसाइलों का मुंह हिंदुस्तान की ओर
भारत ने सिंधु जल समझौता और पाक वीजा को रद्द कर दिया तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री से लेकर रक्षा मंत्री तक भारत को इसका अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। रक्षा मंत्री हनीफ अब्बासी ने धमकी दी थी कि उनके पास गौरी, अब्दाली और गजनवी जैसी मिसाइलें हैं, 130 परमाणु हथियार हैं, जिनका मुंह हिंदुस्तान की ओर है।
