- भवन मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार, जल्द जारी होगा जीओ
- क्षेत्रीय विधायक रघुनाथ सिंह चौहान ने भी की वकालत
- याद दिलाई पूर्व में की गई घोषणाएं
- शहरी विकास मन्त्री ने सचिव को जारी किये निर्देश
- संयोजक पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी ने जताया आभार
- गोल्डन कार्ड के मुद्दे पर भी शासनादेश जारी करने की मांग
- तुला सिंह तड़ियाल के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
यहां विगत साढ़े तीन सालों से प्राधिकरण समाप्त किये जाने की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा आंदोलन रंग लाया है। शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने पालिका क्षेत्र प्राधिकरण के चलते भवन निर्माण को लेकर आ रही दिक्कतों एवं भ्रष्टाचार की सम्भावनाओं को समाप्त करने के उद्देश्य से अल्मोड़ा व कोटद्वार की पालिकाओं को भवन मान चित्र पूर्ववत पास करने के आदेश जारी कर दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि गत दिवस यहां सर्किट हाऊस में क्षेत्रीय विधायक व उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा रघुनाथ सिंह चौहान के नेतृत्व में प्राधिकरण हटाओ सर्वदलीय संघर्ष समिति का एक शिष्ट मण्डल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत से मिला। इस अवसर पर विधायक रामनगर दीवान सिंह भी शहरी विकास मंत्री के साथ मौजूद थे। जिसमें शिष्ट मण्डल ने मांग की है कि अल्मोड़ा में विगत साढ़े तीन साल से भी अधिक समय से प्राधिकरण हटाये जाने के सम्बन्ध में लगातार धरना—प्रदर्शन चल रहा है, लेकिन सरकार उसे नहीं हटा रही है, जबकि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अल्मोड़ा में आकर स्पष्ट घोषणा की कि प्राधिकरण की वजह से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, इसलिए इसे स्थगित किया जाता है। इससे पूर्व प्रदेश के मंत्री धनसिंह रावत ने सर्किट हाउस अल्मोड़ा घोषणा की थी कि जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण अल्मोड़ा तथा पौड़ी के लिए उपयुक्त नहीं है तथा इसे नहीं लगाना चाहिए।
शिष्ट मण्डल ने शहरी विकास मंत्री को याद दिलाया कि प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने जन भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को स्वयं ज्ञापन देकर जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग की थी, लेकिन प्राधिकरण को अभी तक समाप्त नहीं किया गया है, जिससे मकान बनाने हेतु इच्छुक लोगों में असमंजस का वातावरण है। वहीं लोग मनमाने तरीके से मकान बना रहे हैं और कई जगहों पर अतिक्रमण की शिकायतें भी आ रही हैं। शिष्ट मण्डल ने पुरजोर मांग करी की उक्त जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को समाप्त किया जाय तथा नगर पालिका परिषद, अल्मोड़ा को, जो वर्ष 2017 तक विगत कई वर्षों से नगर पालिका अधिनियम 1916 की धाराओं में निहित अधिकारों के अन्तर्गत नगर क्षेत्र में भवनों के मानचित्र स्वीकृत करती रही है, को पुनः भवन मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार दिया जाय। क्षेत्रीय विधायक रघुनाथ सिंह चौहान ने नगर पालिका परिषद, अल्मोड़ा को यह अधिकार सौंपे जाने की वकालत करते हुए कहा कि वर्तमान में भवन निर्माण काफी दिक्कतें आ रही हैं, तथा अनियंत्रित तरीके से भवन निर्माण हो रहे
हैं।
इस पर मन्त्री ने सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली से दूरभाष पर वार्ता कर उनको यह निर्देश दिये गये कि अल्मोड़ा एवं कोटद्वार में नगर पालिकाओं को ही नगर क्षेत्र में भवन मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार पूर्ववत् दिया जाए। सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक प्रकाश चन्द्र जोशी ने मंत्री का धन्यवाद करते हुए आशा व्यक्त की है कि शीघ्रतिशीघ्र सम्बन्धित शासनादेश प्राप्त हो जायेगा, तदुपरान्त पालिका अपने स्तर से अग्रेत्तर कार्यवाही कर सकेगी।
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री के समक्ष गोल्डन कार्ड के सम्बन्ध में शिक्षक एवं कर्मचारियों में व्याप्त असन्तोष के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गई। बताया गया कि अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ आदि सभी स्थानों में गोल्ड कार्ड को लेकर जनता में असंतोष है तथा लगातार धरना—प्रदर्शन हो रहा हो रहे हैं। साथ ही वर्तमान में अल्मोड़ा जनपद के भिकियासैंण में तुलासिंह तड़ियाल के नेतृत्व में लगातार घरना जारी है, लेकिन सरकार द्वारा अभी तक इस सम्बन्ध में संशेधन का शासनादेश जारी नहीं किया गया है और न ही गोल्डन कार्ड में पेंशनरों से लिये जाने वाला अनिवार्य शुल्क कम किया गया है। मंत्री ने इस पर भी अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया गया।
शिष्ट मण्डल में विधायक रघुनाथ सिंह चौहान के अलावा सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक पालिकाध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूरन रौतेला, परिवर्तन पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, अल्मोड़ा अर्बन को-आपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष आनन्द सिंह बगडवाल, उलोवा के पूरन चन्द्र तिवारी, पालिका सभासद हेम चन्द्र तिवारी, सचिन आर्या, कर्मचारी नेता चन्द्रमणि भट्ट, आर्य समाज के अध्यक्ष दयाकृष्ण काण्डपाल तथा जिला पंचायत के पूर्व सदस्य घनश्याम गुरुरानी सम्मिलित रहे।