हल्द्वानी/नैनीताल : बारिश ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान

नैनीताल/हल्द्वानी समाचार | जिले में दो दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश से एक ओर जहां ठंड में इजाफा देखने को मिल रहा है वहीं…

हल्द्वानी/नैनीताल : बारिश ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान

नैनीताल/हल्द्वानी समाचार | जिले में दो दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश से एक ओर जहां ठंड में इजाफा देखने को मिल रहा है वहीं जिले के रामगढ़, मुक्तेश्वर, बेतालघाट सहित पहाड़ी इलाकों में करीब 20 मिनट तक जबरदस्त ओलावृष्टि से मटर, बींस, आलू समेत अन्य सब्जियों और आड़ू, पुलम, खुबानी, सेब की बागवानी को भारी नुकसान पहुंचा है।

इधर, हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में भी करीब 10 मिनट तक ओलावृष्टि हुई। रविवार दोपहर बारिश के बाद पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई। गरमपानी, बेतालघाट, भवाली, मुक्तेश्वर, रामगढ़, ओखलकांडा इलाकों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई। ओलावृष्टि ने काश्तकारों की फसल को चौपट कर दिया। ओलावृष्टि से बींस, मटर, आलू की सब्जियों को सीधा नुकसान पहुंचा है। मटर के दानों पर ओलों की मार से फली सड़ने की आशंका है। आड़ू, खुबानी, पुलम के पेड़ों पर इस बार बौर अच्छा था, लेकिन ओलों के कारण बौर गिर गया। रामगढ़, नथुवाखान, रातिघाट, गरमपानी, तल्ला रामगढ़ गागर क्षेत्र में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। पूरे इलाके में करीब 1500 से अधिक किसान इन फसलों का उत्पादन करते हैं।

इधर, हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में देर शाम करीब 10 मिनट हुई ओलावृष्टि ने किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया। ओलावृष्टि से गेहूं की तैयार हो रही बालियों के साथ ही प्याज और लहसुन की पत्तियां खराब हो गईं। वहीं बागवानों के आम और लीची पर बन रहा बौर भी बर्बाद हो गया। गौलापार के किसान नरेंद्र मेहरा और महेंद्र नौला के अनुसार किसानों की 10 प्रतिशत तक फसल खराब हो गई है। वहीं रामनगर में पिछले दो दिनों से बूंदाबांदी के बाद रविवार को झमाझम बारिश हुई। कई स्थानों पर बारिश के साथ ओले भी गिरे।

बेतालघाट के एक दर्जन गांवों में नुकसान

बेतालघाट ब्लॉक के सीम, सिल्टोना, जोग्याड़ी, गजार, बारगल, फल्यानी, जिनौली, फड़ीका, सकदीना, खलाड़, पांगकटारा, सिमराड़, बजेड़ी, धूरा, बूंगा, खैराली में 20 मिनट तक ओले गिरे। कफुल्टा निवासी भरत रमोला ने बताया कि ओले गिरने से नाशपाती, आड़ू के फूलों को भी नुकसान पहुंचा है। सीम निवासी खीम सिंह ने बताया कि इस वर्ष पहले बारिश नहीं होने के काश्तकारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अब ओलावृष्टि ने सारी फसल चौपट कर दी है।

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