सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने प्रदेश सरकार द्वारा कार्मिकों की हड़ताल पर रोक लगाने को तुगलकी फरमान करार दिया है। उन्होंने इसका विरोध करते हुए कहा है कि यह फैसला अलोकतांत्रिक है और यह शिक्षकों व कार्मिकों का दमन करने जैसा कदम है।
श्री तिवारी ने कहा कि ऐसे आदेश से उन अधिकारियों को संरक्षण प्राप्त होगा, जो जानबूझकर काम नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि तीन महीने के लिए राज्य चुनावी मोड में चला जायेगा और शिक्षकों—कर्मचारियों की समस्याएं लटकी रह जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को यह आदेश को वापस लेना चाहिए और सभी समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जाने चाहिए। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री से कार्मिकों के धरना—प्रदर्शन पर रोक लगाने से संबंधित आदेश को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में धरना—प्रदर्शन की इजाजत है। इस तरह से आदेश देकर कार्मिकों के संवैधानिक अधिकारों को रोकना ठीक नहीं है।