हल्द्वानी। कोरोना संक्रमण के कारण 22 से 25 जून की अवधि के बीच हुई उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड की हाई स्कूल व इंटर की छूटी परीक्षाएं न दे सके विद्यार्थियों के लिए बोर्ड ने बिना परीक्षा दिए औसत अंकों के आधार पर परीक्षाफल निकालने का निर्णय लिया है। लेकिन औसत अंकों की छूट सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को होगी इस दौरान बनाए गए केंटनमेंट जोन में निवास कर रहे थे या फिर कोविड संक्रमण के कारण अपने घर से बाहर थे या फिर उन्हें क्वारेंटाइन किया गया था। बोर्ड ने विद्यार्थियों को इसके साथ छूट दी है कि यदि औसत अंक प्रणाली से ऐसे छात्र असंतुष्ट हैं तो वे दोबारा से भी इन विषयों की परीक्षाएं दे सकते हैं।
बोर्ड सचिव आर मीनरक्षी सुदंरम के हस्ताक्षरों से युक्त आज जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि जो विद्यार्थी समस्त विषयों की परीक्षाओं में शामिल हो गए हैं उनका परीक्षाफल समस्त विषयों की उत्तर पुस्तिकाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही जारी होगा। ऐसे विद्यार्थी जो चारा या उससे अधिक विषयों की परीक्षाओं में शामिल हुए हों उनका परीक्षाफल सबसे ज्यादा अंक हासिल किए जाने वाले तीन विषयों में प्राप्त अंकों के औसत अंकों के आधार पर दिया जाएगा। यानी उन्हें वे औसत अंक दिए जाएंगे जितनी उनकी बेस्ट थ्री परमोर्मिंग सब्जेक्ट होगी।
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जो विद्यार्थी तीन विषयों के पेपर ही सके थे और बाकी सब्जेक्टों के पेपर उनसे कोरोना काल में किसी वजह से छूट गए थे उन्हें बेस्ट टू परमार्मिंग सब्जेक्टों के आधार पर शेष परीक्षाओं में अंक दिए जाएंगे। ऐसे विद्यार्थी जो विनियम के अंतरगत दो या दो से कम विषयों की परीक्षा में शामिल हुए हैं। उन्हें दी गई परीक्षाओं के अंकों के औसत के आधार पर शेष परीक्षा में अंक दिए जाएंगे। वे विद्यार्थी जिन्होंने विनियम के अंतरगत एक ही परीक्षा देन के लिए आवेदन किया था और वे 22 से 25 जून के बीच हुई उस परीक्षा में शामिल नहीं हो सके हैं। उनके लिए परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी।
जो विद्यार्थी औसत परीक्षा फल की इस प्रणाली से संतुष्ट नहीं होंगे उन्हें परीक्षाफल घोषित होने के एक महीने के भीतर निर्धारित प्रारूप में बोर्ड को आवेदन करना होगा। यह आदेश 2/3 मार्च से 21 मार्च के बीच हुई परीक्षाओं में अनुपस्थित रहे विद्यार्थियों पर लागू नहीं होगा।