अल्मोड़ा : गुरूकुल शोले में गौ सेवकों ने गौशाला की बंजर भूमि में किया श्रमदान, शासन—प्रशासन से सहयोग न मिलने का लगाया आरोप

अल्मोड़ा। गौ सेवा ट्रस्ट गुरुकुल शोले, ज्योली, अल्मोड़ा की गौशाला में तमाम समाजसेवियों द्वारा श्रमदान करके चारे का प्रबंध किया गया।गौ सेवकों द्वारा काफी लंबे…

अल्मोड़ा। गौ सेवा ट्रस्ट गुरुकुल शोले, ज्योली, अल्मोड़ा की गौशाला में तमाम समाजसेवियों द्वारा श्रमदान करके चारे का प्रबंध किया गया।
गौ सेवकों द्वारा काफी लंबे समय से गौशाला में पल रही गायों की सेवा की जा रही है। इसी क्रम में गत दिवस श्रमदान करके बंजर भूमि में चारा रोपण करने के साथ ही गौशाला परिक्षेत्र की सुरक्षा की व्यवस्था की गई। इस हेतु परिसर के चारों ओर कंटीली झाड़ियों का रोपण किया गया। श्रमदान में सम्मलित गौ सेवकों ने बताया कि गौशाला में खेती के लिए पंचगव्य तैयार करने हेतु कृषि वैज्ञानिक प्रो. कृष्णमूर्ति तथा एमसी जोशी द्वारा सहयोग प्रदान करने पर सहमति दी गई है। इसके बाजवूद काफी लिखा—पढ़ी करने के बावजूद गौशाला को जिला प्रशासन व सरकार संस्थाओं से कोई सहयोग नही मिल रहा है। श्रमदान करने वालों में पूर्व कर्मचारी नेता चंद्रमणी भट्ट, पूरन चंद्र तिवारी, मनोज सनवाल, दयाकृष्ण कांडपाल, आरके श्रीवास्तव आदि शामिल रहे। श्रमदान के बाद हुई बैठक में पूर्व प्रधानाचार्य ज्योली हेम जोशी, मनोज सनवाल, पूरन चंद्र तिवारी ने विचार रखा कि गौशाला को कृषि विकास कार्यक्रम से जोड़कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया जा सकता है। संस्था के संस्थापक सचिव दयाकृष्ण कांडपाल ने सभी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि केवल एक गौशाला में सभी आवारा पशुओं को रखा जाना संभव नही है। अतएव समाज के प्रबुद्ध वर्ग को गौशालाओं के माध्यम से कृषि व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने हेतु आगे आना चाहिए।

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