— दीपक मनराल —
यहां पंपिंग योजनाओं के रखरखाव के लिए शासन द्वारा लंबे समय से धनराशि आबंटित नही किये जाने के चलते उत्तराखंड पेयजल निगम यांत्रिक शाखा एक बड़े संकट के दौर से गुजर रही है। हालत यह है कि विभाग को गत दो वित्तीय वर्षों में न तो जिला योजना और ना ही मुख्यालय या शासन द्वारा कोई धनराशि प्राप्त हुई है। जिसका विपरीत प्रभाव योजनाओं के रखरखाव पर पड़ रहा है। यहां तक कि आपरेटरों को विगत 5 माह से वेतन का भुगतान तक नही हो पाया है, जिसके चलते उनके समक्ष अपने परिवार के पालन—पोषण की समस्या पैदा हो गई है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड पेयजल निगम यांत्रिक शाखा शासन की उदासीनता के चलते एक बुरे दौर से गुजर रहा है। इस कार्यालय से वित्तीय वर्ष 2019—20 हेतु जनपद अल्मोड़ा में विभिन्न पंपिंग योजनाओं के अनुरक्षण कार्य हेतु 280.07 लाख तथा वित्तीय वर्ष 2020—21 हेतु रूपये 351.01 लाख की धनराशि की मांग की थी। इसके बाद से कई पत्र व्यवहार हुए, लेकिन धनराशि का आवंटन नही हो पाया। इसके अलावा जिलाधिकाीर अल्मोड़ा से भी वित्तीय वर्ष 2019—20 एवं 2020—21 के लिए मांग की गई। साथ ही डीएम के समक्ष 2019—20 एवं 2020—21 हेतु रखरखाव के कार्य हेतु प्रस्ताव जिला योजना में रखने का अनुरोध किया था, किंतु दोनों वित्तीय वर्ष में जिला योजना में कोई भी धनराशि स्वीकृत नही हुई।
रखरखाव वाली इन योजनाओं का भेजा गया है प्राक्कलन
विभाग के अधिशासी अभियंता योगेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में रखरखाव की जा रही योजनाओं, जिनका पूर्व में प्राक्कलन विरचित कर प्रेषित किया गया है, उनमें रामपुर भनोटिया पेयजल योजना, चमड़खान पेयजल योजना, बरकिंडा—मानिला पेयजल योजना, पनार भनोली, सरयू बेलख दन्या, चिलियानौला पेयजल योजना, कोटेश्वर योजना तथा नौला कमराड़ पेयजल योजना शामिल है। वित्तीय वर्ष 2019—20 तथा चालू वर्ष में प्राक्कलन की अनुमानित लागत क्रमश: 280.07 लाख तथा 351.01 लाख है। यानी 5 करोड़ 81 लाख से अधिक धनराशि का आवंटिन आज की तारीख तक नही हो पाया है।
संबंधित फर्मों ने अगले माह से रखरखाव कार्य में जता दी है असमर्थता
ज्ञात रहे कि विगत वित्तीय वर्ष और चालू वर्ष में देनदारियां लंबित हो जाने के चलते संबंधित फर्मों द्वारा बार—बार देयकों के भुगतान हेतु तकाजा किया जा रहा है। भुगतान न होने के चलते अगले माह से संबंधित फर्मों ने योजनाओं के संचालन व रखरखाव में असमर्थता जाहिर की है। इधर अधिशासी अभियंता ने इस संबंध में मुख्य अभियंता, उत्तराखंड पेयजल निगम, प्रधान कार्यालय, देहरादून को पत्र लिखकर पेयजल पंपिंग योजनाओं के रखरखाव हेतु धन आवंटित करने की मांग की है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्तमान में विभाग के पास रखरखाव के लिए कुल 9 योजनाए हैं। इय योजनाएं 2015, 2016, 2017 व 2018 से भी चल रही हैं। विभाग का अरोप है कि स्थानान्तरण प्रपत्र काफी समय पूर्व दिए जाने के बावजूद जल संस्थान उदासीन बना हुआ है। इनके द्वारा न तो कभी योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया गया और ना ही इस पर गम्भीरता से विचार किया। इसके बावजूद भी यह योजनाएं जन हित में चलाई जा रही हैं।