पंतनगर। चार दिवसीय प्रशिक्षण जैविक कृषि के अन्तर्गत फसल एवं सब्जी उत्पादन तकनीक को आज वर्चुअल मोड में शुरू किया गया। प्रशिक्षण के उद्घाटन अवसर पर संयुक्त कृषि निदेशक एवं राज्य समन्वयक आतमा देहरादून डा. दिनेश कुमार ने जैविक कृषि के महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में जैविक कृषि और जैविक उर्वरक, जैविक रसायनों का महत्व और बढ़ेगा।
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आपने जैविक गुणवत्ता नियंत्रण हेतु कुमाऊं और गढ़वाल में शीघ्र ही एक-एक प्रयोगशाला स्थापित होने की बात कही। आपने विशेष रूप से पर्वतीय जिलों से जुड़े प्रतिभागियों से कहा कि आप लोग अपने जैविक उत्पादों को सोशल मीडिया का प्रयोग करते हुए बेहतर विपणन कर सकते हैं। डा. दिनेश कुमार ने विशेष रूप से प्रसार शिक्षा निदेशालय व विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का धन्यवाद दिया कि इस कोविड काल में विश्वविद्यालय द्वारा कृषकों हेतु ऑनलाइन प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। निदेशक प्रसार शिक्षा एवं समेटी-उत्तराखण्ड, गो.ब. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर डा. अनिल कुमार शर्मा ने व्यापक रूप से जैविक कृषि सूक्ष्म जीवाणुओं और जैव रसायनों के समन्वयन के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इनके समन्वित प्रयोग से कृषक उन्नत जैविक खेती कर सकते हैं।
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आपने विश्वविद्यालय द्वारा जैविक कृषि के अन्तर्गत चलाये जा रहे प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की। उद्घाटन अवसर पर डा. बी.डी. सिंह, प्राध्यापक एवं समन्वयक समेटी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विस्तार से प्रशिक्षण के विषय वस्तुओं पर प्रकाश डाला। आपने बताया कि इस चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्तराखण्ड में जैविक कृषि का महत्व एवं सम्भावनाएं, जैविक फसल एवं सब्जी उत्पादन तकनीक, कम्पोस्ट एवं वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधियां, कृषि में जैव उर्वरक एवं जैव रसायनों का प्रयोग, पर्वतीय क्षेत्रों में जैविक सब्जी उत्पादन से उद्यमिता विकास एवं जैविक कीट रोग प्रबन्धन, जैविक सब्जी उत्पादन हेतु न्यूनतम साझा कार्यक्रम, जैविक फसलों के प्रमाणीकरण की विधियां इत्यादि पर व्याख्यान होंगे।
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आपने यह भी बताया कि समेटी द्वारा माह जून 2021 से उन्नत पशुपालन, स्वरोजगार हेतु मत्स्य पालन, ग्रामीण स्वरोजगार हेतु कुटीर उद्योग तथा खरीफ फसल उत्पादन तकनीक प्रशिक्षण आयोजित किये गये, जिससे कुल 265 प्रसार कार्यकर्ता एवं कृषक लाभान्वित हुए।
इस अवसर पर कृषक जगमोहन राणा, उत्तरकाशी, सीता भट्ट, देहरादून, देवेन्द्र सिहं भण्डारी, पिथौरागढ़, तरूण साह, नैनीताल इत्यादि ने भी अपने विचार प्रकट किये।
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इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में लगभग 70 विभागीय अधिकारी एवं कृषक भाग ले रहे हैं, जो उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से हैं। प्रशिक्षण के संचालन में अनीता यादव, ज्योति कनवाल, जगदीश चन्द्र बिष्ट भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
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