सीएनई रिपोर्टर
पता नही किस गुरू घंटाल ने कह किया कि शराब कोरोना को भगाती है। सही बात तो यह है कि शराब का सेवन करने से रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कम हो जाती है, जो कि कोरोना काल में कतई उचित नही है। ऐसा कहना है दून मेडिकल कालेज के वरिष्ठ चिकित्सकों का। चिकित्सकों की राय में कोविड की वैक्सीन लगाने के 24 घंटे पहले व इतने ही घंटे बाद में भूल कर भी शराब का सेवन नही करें। चिकित्सकों की मानें तो ज्यादा शराब पीने वालों को कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा है जिसका सबसे पमुख कारण यही है कि शराबियों की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता कमजोर पड़ जाती है और जहां उन्हें दवा अधिक खुराक देनी पड़ती है, वहीं उनके ठीक होने की सम्भावना भी कम हो जाती है। देहरादून के अधिकांश चिकित्सको का यही कहना है कि शराब से किडनी, लीवर आदि कमजोर पड़ जाते हैं। खुलकर भूख लगनी बंद हो जाती है। पेट सम्बन्धी दिक्कतें पैदा होने लगती हैं। कोरोना काल में सबसे ज्यादा जरूरत तंदुरूस्त रहने की है। जबकि शराब का सेवन करने वाले अपनी इम्युनिटी पावर को कम करते हैं। कई ऐसे मरीज कोरोना के संक्रमण के बाद अस्पताल पहुंचते हैं। जिनमें देखा गया है कि शराब पीने वालों को ठीक होने में समय लगता है। अलबत्ता यदि आपको किसी नीम हकीम ने कह दिया हो तक शराब कोरोना वायरस को मार सकता है तो ऐसी बातों पर कतई यकीन नही करें।
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सैनिटाइजर न मिले तो शराब से धो लें हाथ, पर पीना कतई नही
हमारे आसपास तीन प्रकार के अल्कोहल उपलब्ध हैं, आइसोप्रोपिल (isopropyl), इथाइल (ethyl) और मीथाइल (methyl)। इन सभी अल्कोहल का इस्तेमाल आप बाहरी किसी भी जर्म को मारने के लिए कर सकते हैं। इन जर्म्स और बैक्टीरिया में कोरोना वायरस भी एक है। ज्यादातर हैंड सैनिटाइजर में आइसोप्रोपिल और इथाइल (एथनॉल) अल्कोहल का इस्तेमाल होता है। अलबत्ता कुछ विशेषज्ञों का यह मानना है कि शराब से हाथ धोकर जरूर कोरोना वायरस मारा जा सकता है पर पीने से कतई नही।
शरीर के भीतर जा वायरस मारने के काबिल नही होती शराब !
शराब पीने से वायरस मर जाये ऐसा कतई नहीं है। चिकित्सक बताते हैं कि इथाइल अल्कोहल ही शराब कहलाती है। शरीर के अंदर जाते ही इस अल्कोहल को आपना डाइजेस्टिव प्रोसेस छोटे मोलेक्यूल में बदल देता है। इसी वजह से शरीर के अंदर अल्कोहल किसी भी जर्म या बैक्टीरिया को मारने के काबिल नहीं रह जाता। दरअसल हमारे शरीर में अरबों गुड बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो शरीर के भीतर आने वाले तरल और खाने की चीजों को पचा लेते हैं। यही कारण है कि शरीर के भीतर शराब वायरस नहीं मार पाते.
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