सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि हमारे जंगल केवल हरियाली नहीं, हमारी सांस्कृतिक तथा जीवनदायिनी विरासत हैं। इनकी सुरक्षा में जनसहभागिता तथा प्रशासनिक सतर्कता दोनों जरूरी हैं।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों का संवेदनशीलता तथा तत्परता के साथ काम करने का आह्वान किया। कहा कि हर एक पेड़, हर एक पौधा हमसे सुरक्षा की अपेक्षा करता है। स्कूलों के आसपास उगी झाड़ियों की साफ कराई जाएं ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। वन विभाग, उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारियों सहित अन्य संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाने को कहा।
संभावित जोखिम वाले क्षेत्रों पर नियमित निगरानी रखने के निर्देश दिए। मई तथा जून के महीने विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं, वन विभाग को अपने संसाधनों तथा मानव बल को पूरी तरह तैयार रखेगा। मनरेगा के तहत जनश्रम की भागीदारी से जंगलों की सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है। सड़कों के किनारे गिरे हुए पिरूल को शीघ्र हटाने, पेड़ों की लापिंग करवाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, प्रभागीय वनाधिकारी ध्रुव सिंह मर्तोलिया, उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा, अनिल सिंह रावत, जिला आपदा प्रबंधक अधिकारी शिखा सुयाल आदि उपस्थित थे।