— कांग्रेस नेता ने पेपर लीक मामले में दी कड़ी प्रतिक्रिया
— बोले, परीक्षा घोटालों की सीबीआई जांच की जाए
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रांतीय सचिव त्रिलोचन जोशी ने भर्ती घोटालों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उत्तराखण्ड के 22 साल के इतिहास में पहली बार प्रदेश के युवाओं के साथ नौकरी के नाम पर बड़ा धोखा हो रहा है और प्रदेश सरकार पेपर लीक करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही से बच रही हैं। उन्होंने इसकी सीबीआई जांच कराने समेत कई अन्य मांगें उठाई हैं।
श्री जोशी ने अपने बयान में कहा है कि लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित हर परीक्षा को रद्द करके सरकार अपना पल्ला झाड़ रही हैं और राज्य का बेरोजगारी औसत देश में अग्रणी स्थान पर है। दूसरी ओर प्रतिभाशाली युवा अपने व परिवार के जीवन यापन के लिए आउट सोर्सिंग से रोजगार प्राप्त कर रहे थे। अब उन्हें भी नौकरी से बाहर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की धामी सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा योजना, ईएसई की डिस्पेंसरी में उपनल और पीआरडी सहित अन्य आउट सोर्सिंग एजेंसियों के जरिये लगे हुए 121 कर्मियों की सेवायें समाप्त की हैं, जो प्रदेश सरकार की युवाविरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवा मुख्यमंत्री के नेतृत्व से प्रदेश के युवाओं में नौकरियों के लिए नयी सोच जन्मी थी, किंतु युवा मुख्यमंत्री के कार्यकाल में युवा बेरोजगार बुरी तरह से छले जा रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का एक के बाद एक पेपर लीक होने और बार—बार परीक्षाएं रद्द होने से अधिकांश युवा मानसिक रुप से टूट रहे हैं और काफी तनाव से ग्रस्त हैं, लेकिन धामी सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर गम्भीर नहीं हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से यूकेपीएससी परीक्षा घोटाले के शीघ्र सीबीआई से जांच कराने, युवाओं को उम्र की बाध्यता में छूट देने, प्रदेश में बढ़ते भष्ट्राचार के खिलाफ सख्त कानून लागू करने एवं प्रत्येक जनपद में युवाओं को तात्कालिक एवं सुलभ रोजगार के लिए आउटसोर्सिंग कम्पनी का गठन करने की पुरजोर मांग उठाई है।