जिले में काफी समय से चल रही कवायद, महिलाएं प्रशिक्षित
वैज्ञानिकों को आमंत्रित कर ली राय और बनी कार्ययोजना
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः पहाड़ में बहुतायत पाई जाने वाली बिच्छू घास ( नेटल ग्रास) को अब मूल्यवर्धक बनाने की कवायद जिले में जोरशोर से चल रही है। बकायदा कलस्टर स्थापित कर अल्मोड़ा जिले के ताड़ीखेत व भिकियासैंण ब्लाकों की महिलाएं इस काम में जुट गई हैं। अब तक निष्प्रयोज्य समझी जाने वाली बिच्छू घास से अब रेशा, कपड़ा, बैग, आभूषण, गत्ता इत्यादि सामग्री तैयार करने की कार्ययोजना बन चुकी है और महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
जिला परियोजना प्रबन्धक, ग्रामीण उद्यम वेग वृद्वि परियोजना राजेश मठपाल ने बताया कि जनपद के ताड़ीखेत विकासखण्ड में कलस्टर डेवलपमेंट प्लान के क्रियान्वयन के तहत सब्जी उत्पादन एवं नेटल ग्रास ( बिच्छू घास) कलस्टर की स्थापना की जा रही है। परियोजना के माध्यम से ताड़ीखेत एवं भिकियासैण विकासखण्ड की कुल 100 महिलाओं को बहुचरणीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बिच्छु घास के मूल्य वर्धन के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण के जरिये बिच्छु घास से रेसा, धागा, कपड़ा, बैग, आभूषण, गत्ता एवं अन्य विविध प्रकार के उत्पाद तैयार करने का लक्ष्य प्रस्तावित है। वर्तमान में इसमें करीब 50 महिलाएं बिच्छु घास से रेसा निकालने में जुटी हैं। प्राप्त रेसे से धागा तैयार करने के लिए भी महिलाआंे को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
कार्ययोजना के लिए दूर से बुलाए वैज्ञानिक
जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि जिलाधिकारी अल्मोड़ा के माध्यम से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-’राष्ट्रीय रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान’ कोलकाता के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एएन राव एवं डा. शान्तनु को इसकी सार्थकता एवं भावी कार्य योजना तैयार करने के लिए आमंत्रित किया गया था। वैज्ञानिक दल ने 20 से 22 मार्च 2023 तक जनपद का भ्रमण किया तथा इस गतिविधि में शामिल महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ चर्चा की। साथ ही संभावनाओं को परखा और महिलाओं को विभिन्न जानकारियां प्रदान की। वैज्ञानिकों द्वारा नेटल फाइबर के लिए स्थापित भवन का भी निरीक्षण किया गया। उन्होंने जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी से मुलाकात कर जनपद में नेटल फाइबर के विकास पर चर्चा की।
डीएम व सीडीओ ने दिए निर्देश
जिलाधिकारी वन्दना ने रीप के जिला परियोजना प्रबन्धक को निर्देशित किया कि इस गतिविधि से संबंधित आख्या को एक निश्चित अन्तराल पर वैज्ञानिक दल को उपलब्ध करवाया जाय और वैज्ञानिकों के दलों द्वारा प्रस्तावित प्रशिक्षण एवं अन्य कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने वर्तमान में उपलब्ध बिच्छु घास के रेशा की उपलब्धता एवं गुणवत्ता के विषय में आंकलन, ग्राम स्तर पर रेशा एवं धागा तैयार करने के लिए भी कार्यवाही करने निर्देश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी अंशुल सिंह ने जिला परियोजना प्रबन्धक, रीप से नेटल फाइबर यूनिट के लिए आवश्यक मशीनों की सूची एवं उसमें होने वाले व्यय का आगणन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।