Bageshwar News: छठे रोज भी कार्य बहिष्कार के साथ पर्यावरण मित्रों ने दिखाए तीखे तेवर, शहरों में लगे गंदगी के ढेर, सड़क—रास्ते व बाजार से गुजरने में मुश्किलें

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर/अल्मोड़ा11 सूत्रीय मांगों को लेकर बागेश्वर व अल्मोड़ा के सफाई कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार 6वें दिन भी जारी रहा। कर्मचारियों की हड़ताल को…

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर/अल्मोड़ा
11 सूत्रीय मांगों को लेकर बागेश्वर व अल्मोड़ा के सफाई कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार 6वें दिन भी जारी रहा। कर्मचारियों की हड़ताल को बागेश्वर में युवक कांग्रेस ने भी समर्थन दिया। वहीं कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से नगर क्षेत्र में कई स्थानों पर कूड़े के ढेर लग गए हैं। जिसके कारण राहगीरों, व्यापारियों और आसपास रहने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बागेश्वर में सफाई कर्मियों के साथ धरने में बैठे युवा कांग्रेसी।

बागेश्वर: कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे पर्यावरण मित्रों को समर्थन देने के लिए युवक कांग्रेस कार्यकर्ता शनिवार को नगरपालिका परिसर पहुँचे। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की मांगें जायज हैं। जिनका जल्द समाधान होना चाहिए। कहा कि पर्यावरण मित्रों ने कोरोना काल में भी पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी को निभाया। जोखिम उठाकर उन्होंने अपने कार्यों को लेकर कोताही नहीं बरती। ऐसे में उनकी मांगों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

सफाई कर्मचारी संघ के ‌जिलाध्यक्ष चंदन लाल ने कहा कि सफाई कर्मचारी लंबे समय से ठेका प्रथा समाप्त करने, नियमितीकरण, पुरापी पेंशन बहाली, पदोन्नति, धुलाई और टूल भत्ता बढ़ाने, स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने की मांग करते आ रहे हैं। कई बार शासन-प्रशासन को ज्ञापन देने पर भी सुनवाई नहीं हुई तो कर्मचारियों को कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी सभी समस्याओं का निदान नहीं करती, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। सफाई कर्मचारियों के समर्थन में युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कवि जोशी, ईश्वर पांडेय, अंकुर उपाध्याय, रोहित खैर, सुनील पांडेय, जयदीप कुमार छात्र संघ उपाध्यक्ष, दीपक कोहली, विशाल रावत, अनिल चौबे, फिरोज खान ,मोनिस खान आदि बैठे।

पर्यावरण मित्रों की हड़ताल से शहरों में यूं लगे हैं कूड़े के ढेर।

अल्मोड़ा: यहां काम छोड़ शनिवार को भी पर्यावरण मित्र नगरपालिका परिसर में धरना—प्रदर्शन पर डटे रहे। उन्होंने जायज मांगें नहीं मानने के लिए सरकार की खिंचाई की और कहा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। इधर हड़ताल से शहर की गलियों, बाजार, रास्तों से गुजरना मुश्किल हो गया है, क्योंकि जगह—जगह कूड़े—कचरे के बड़े—बड़े ढेर लग गए हैं और वातावरण दुर्गंध का हो गया है। सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।

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