8. 54 फीसदी (63 पैसे प्रति यूनिट) बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था
देहरादून | उत्तराखंड में बिजली और महंगी नहीं होगी। विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल के बिजली दरों में बढ़ोतरी की पुर्नविचार याचिका को खारिज कर दिया है। यूपीसीएल ने आयोग में 63 पैसे प्रति यूनिट बिजली बढ़ोतरी के लिए पुनर्विचार याचिका दायर की थी। विद्युत दरों में बढ़ोतरी के लिए UPCL ने 919 करोड़ की वसूली का आधार बनाया था। कहा था कि, यूपीसीएल को बाजार से विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली खरीदनी पड़ रही है। इसलिए बिजली दलों में 8. 54 फीसदी (63 पैसे प्रति यूनिट) की बढ़ोतरी की जाए। लेकिन आयोग ने यूपीसीएल की इस पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है।
आयोग ने उपभोक्ताओं से मांगे थे सुझाव
आयोग ने यूपीसीएल की याचिका की स्वीकार्यता पर सीधे कोई निर्णय लेने के बजाय उपभोक्ताओं और हितकारों से सुझाव मांगे थे। उपभोक्ताओं ने प्रदेश भर से इसके विरोध में यूपीसीएल को अपने सुझाव दिए। 8 अगस्त तक बड़ी संख्या में आयोग को बिजली दलों में बढ़ोतरी न करने के सुझाव मिले। 12 अगस्त को भी नियामक आयोग की ओर से इस पर जनसुनवाई हुई। जिसमें उपभोक्ताओं ने महंगी बिजली से आजादी की जरूरत बताई। जनसुनवाई के दौरान आयोग ने पाया कि UPCL की याचिका पुनर्विचार लायक नहीं है।
इसी साल अप्रैल में हुई थी 6.92% की बढ़ोतरी
बता दे कि अप्रैल 2024 में ही उत्तराखंड में बिजली दरों में 6.92% तक की बढ़ोतरी की गई थी। जिसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 49 पैसे प्रति बिजली बढ़ाई गई थी। अघरेलू उपभोक्ताओं के लिए 69 पैसे, पब्लिक यूटिलिटी के लिए 66 पैसे, प्राइवेट ट्यूबेल के लिए 27 पैसे, एलटी इंडस्ट्री के लिए 64 पैसे की बढ़ोतरी हुई थी। इसके अलावा ईवी चार्जिंग स्टेशन के लिए 75 पैसे, रेलवे के लिए 54 पैसे, समेत अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी विद्युत दरों में बढ़ोतरी की गई थी। जिसके बाद यूपीसीएल ने फिर से 8.54 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था।