⏩ मतगणना में लगाया था अनियमितता का आरोप
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जिला न्यायाधीश अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने जिला पंचायत चुनाव में विपक्षी पर धांधली के आरोप संबंधी एक मामले में अपना फैसला सुनाते हुए साक्ष्यों के अवलोकन के बाद दायर चुनाव याचिका को निरस्त कर दिया। इस मामले में याची द्वारा साल 2019 में हुए चुनाव में विपक्षी की जीत पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए पुन: मतदान की मांग की गई थी।
दरअसल, जिला न्यायाधीश अल्मोड़ा मलिक मजहर सुल्तान के न्यायालय में श्रीमती हेमा गैड़ा पत्नी गोपाल सिंह, ग्राम चौना, विकासखंड धौलादेवी, तहसील भनोली, अल्मोड़ा ने एक युनाव याचिका प्रस्तुत की थी। चुनाव याचिका में हेमा गैड़ा ने यह कथन किया था कि विकासखंड धौलादेवी में प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र संख्या 40 खोला से जिला पंचायत सदस्य के लिए नामांकन किया था तथा इसी क्षेत्र से सदस्य जिला पंचायत हेतु विपक्षी नंदन सिंह पुत्र डुंगर सिंह, ग्राम कुंजाखालीगूठ, पोस्ट गिरतोला, जिला अल्मोड़ा ने भी अपना नामांकन किया तथा अन्य 03 लोगों के द्वारा भी नामांकन किया गया।
जिला पंचायत सदस्य निर्वाचन क्षेत्र 40 खोला के लिए मतदान समाप्त होने के उपरांत 22 अक्टूबर, 2019 को निर्वाचन अधिकारी धौलादेवी ने परिणाम घोषित किया। जिसमें विपक्षी नंदन सिंह को तीन मतों से विजयी घोषित किया गया। जिसके विरूद्ध याची हेमा गैड़ा ने चुनाव में अनियमितता होने के कारण पुन: मतगणना हेतु याचिका दाखिल की।
जिला न्यायाधीश द्वारा उक्त याचिका सुनवाई हेतु अपर जिला जज अल्मोड़ा अरविंद नाथ त्रिपाठी के न्यायालय को स्थान्तरित की। इस मामले में विपक्षी नंदन सिंह की ओर से अधिवक्ता दीवान सिंह बिष्ट व देवेश बिष्ट न न्यायालय में प्रबल पैरवी की। न्यायालय ने पत्रावली पर मौजूद दस्तावेज व मौखिक साक्ष्य का भली-भांति अवलोकन किया तथा याची हेमा गैड़ा द्वारा दायर चुनाव याचिका को निरस्त कर दिया।