बागेश्वर ने दिया लिंगानुपात में सुखद संदेश, बेटियों की संख्या बढ़ी

👉 अब 1000 बालकों के सापेक्ष 1012 बालिकाएं 👉 बदलने लगा लोगों का नजरियाः अनुराधा पाल दीपक पाठक, बागेश्वर देवभूमि उत्तराखंड के जनपद बागेश्वर में…

बागेश्वर ने दिया लिंगानुपात में सुखद संदेश, बेटियों की संख्या बढ़ी

👉 अब 1000 बालकों के सापेक्ष 1012 बालिकाएं
👉 बदलने लगा लोगों का नजरियाः अनुराधा पाल

दीपक पाठक, बागेश्वर

देवभूमि उत्तराखंड के जनपद बागेश्वर में पिछले कुछ सालों से प्रतिवर्ष बेटियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इससे जिले में लगातार लिंगानुपात में सुधार होने लगा है, जो सुखद सन्देश माना जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में दिसंबर माह तक 1000 बालकों के सापेक्ष बालिकाओं की संख्या 1012 दर्ज की गई है, जो एक दशक पहले की तुलना में 133 अधिक है। इस बार प्रदेश में बालक-बालिकाओं का लिंगानुपात प्रति हजार लड़कों पर 984 लड़कियां है, जबकि बागेश्वर में यह संख्या 1012 पहुंच गई है। आगे पढ़िये…

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012-13 में जिले में बालक-बालिकाओं का लिंगानुपात 1000 के सापेक्ष 879 था। वर्ष 2013-14 से लिंगानुपात में सुधार होने लगा। वर्ष 2015-16 में कुछ गिरावट के बाद अगले चार साल में लिंगानुपात लगातार बढ़ता रहा। वर्ष 2019-20 में बालिका लिंगानुपात उच्च स्तर पर पहुंचकर 1012 हो गया था, हालांकि इसके अगले साल फिर बाल लिंगानुपात में गिरावट देखने को मिली, लेकिन यह गिरावट मामूली थी। आगे पढ़िये…

जनपद के स्वास्थ्य विभाग प्रतिवर्ष स्वास्थ्य केंद्रों और घरों में होने वाले प्रसव के आंकड़ों को एकत्रित कर लिंगानुपात की रिपोर्ट तैयार करता है। पूरे साल पैदा होने वाले बालक और बालिकाओं की संख्या के आधार पर प्रति 1000 के आधार पर लिंगानुपात निकाला जाता है। बाल लिंगानुपात के लिए कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए लागू पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं का भी बालिका लिंगानुपात बढ़ाने में योगदान रहा है। जनपद बागेश्वर में विगत 10 वर्षों के लिंगानुपात की वर्षवार की रिपोटः-

साल : लिंगानुपात
2012-13: 879
2013-14: 891
2014-15: 936
2015-16: 894
2016-17: 925
2017-18: 931
2018-19: 956
2019-20: 1012
2020-21: 904
2021-22: 995
2022-23: 998
2023-24: 1012 (दिसंबर तक)
(आंकड़े सालाना प्रसव के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की जिला रिपोर्ट पर आधारित) आगे पढ़िये…
बदल रहा लोगों का नजरियाः डीएम

जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने बेटियों की संख्या में बढ़ोतरी को सुखद बताते हुए कहा कि लोगांे का नजरिया पहले से अब बदल चुका है। इसमे बेटियों के लिए सरकार के स्तर पर चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाएं भी लोगों की सोच की बदल रहा हैं। बालिका शिक्षा अभियान भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
लिंगानुपात में सुधार अच्छा संकेतः सीएमओ

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ डीपी जोशी ने बताया कि जनपद में लिंगानुपात में सुधार होना बहुत अच्छा संकेत है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ बालिका शिक्षा का भी महत्वपूर्ण योगदान है। आने वाले समय में लिंगानुपात में और बृद्धि होगी। इसके लिए सरकार द्वारा बालिका को प्रोत्साहित करने की कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *