सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
होली के त्योहारी सीजन में जहां मिठाई की खपत काफी बढ़ गई है, वहीं जनपद में नकली व घटिया क्वालिटी के खाद्य पदार्थों की सप्लाई पर जिला प्रशासन पैनी नजर रखे है। मिष्ठान विक्रेताओं की दुकानों पर सैंपलिंग की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि अकसर त्योहारी सीजन में मिठाई की डिमांड बढ़ने के साथ नकली, कम गुणवत्तायुक्त व बासी माल की स्पलाई में बाजारों में होने लगती है। जो जनता की सेहत के साथ बड़ा खिलवाड़ है। बीते साल सरकार ने एक बेहद सकारात्मक पहल करते हए मिठाई विक्रेताओं व निर्माताओं पर नकेल कसी। जिसका जनता ने तहे दिल से स्वागत किया। जिसके अनुसार मिठाई के डिब्बों में मैन्युफेक्चरिंग व एक्सपायरी डेट लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। अलबत्ता आज शुक्रवार को पुन: जिलाधिकारी के निर्देश पर होली अभियान के तहत खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन अल्मोड़ा 03 खाद्य पदार्थों गुजिया, सोन पापडी व बेसन के नमूने अल्मोड़ा के दनिया व दुगालखोला से एकत्रित किये गये। आज दुगालखोला में शिकायत पर बेसन का भी नमूना जांच हेतु लिया गया। अब तक विशेष अभियान में 34 खाद्य पदार्थों के नमूने एकत्रित कर विश्लेषण हेतु राजकीय खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला प्रेषित किया गया है।
ग्राहक इस तरह से कर सकते हैं मिठाई की पहचान —
ग्राहक इस तरह से कर सकते हैं मिठाई की पहचान —
– मिठाई हाथ में लेने पर यदि रंग निकल रहा है तो ऐसे मिठाई को न खरीदें।
आर्टिफिशियल कलर्स खास तौर पर मेटानिल येलो व टारट्राजाइन खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल पर रोक है।
– फूड एक्सपर्ट बताते हैं कि खोया या मावा यदि दानेदार है तो यह मिलावटी भी हो सकता है। इसकी पहचान के लिए इसे उंगली से मसलें यदि दानेदार मालूम हो तो खोया मिलावटी हो सकता है।
– मिठाई में चढ़े चांदी के वर्क में अकसर एल्मुनियम की धातु की मिलावट होती है। जो स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत घातक है। यदि आप इसे जांचना चाहें तो इसे जला कर देंखें यह यदि उतने ही वजन की गेंद यानी स्लेटी रंग का जला हुआ बन जाये तो समझ लीजिए कि मिठाई मिलावटी है।
– मिठाई की थोड़ी सी मात्रा में पानी मिलाएं और इसे गरम करें। अब इसमें आयोडीन की दो-तीन बूंदे या घर में खाए जाने वाले नमक को हल्की मात्रा में इसमें डालें। कुछ क्षण अगर इसका रंग नीला पड़ने लगे तो समझिए मिठाई में मिलावट है। रंग न बदलना सही की पहचान है।
– आमतौर पर मिलावट पिस्ता या लड्डू पर अधिक होता है। यदि आप को इन दोनों का रंग अधिक चमकीला लगे तो लेने से बचे। परन्तु बाज़ार में भी आप इनके शुद्धता के मापदंड माप सकते हैं। आप हाथ पर मिठाई का टुकड़ा लेकर उसे मसलें यदि हाथ पर मिठाई का रंग रह जाए, इसका मतलब मिठाई खाने योग्य नहीं है।