CNE की ख़बर के बाद हरकत में आया विभाग, हटवाई गई पेयजल लाइनें

📌 एनएच ने पानी निकासी की करी व्यवस्था Highlights: अल्मोड़ा—भवाली—हल्द्वानी हाईवे पर सुयालबाड़ी के निकट करतियागाड़ में निर्माणाधीन पुल के पास जल भराव की ख़बर…

CNE की ख़बर के बाद हरकत में आया विभाग, हटवाई गई पेयजल लाइनें

📌 एनएच ने पानी निकासी की करी व्यवस्था

Highlights: अल्मोड़ा—भवाली—हल्द्वानी हाईवे पर सुयालबाड़ी के निकट करतियागाड़ में निर्माणाधीन पुल के पास जल भराव की ख़बर CNE में प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद संबंधित विभाग और प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम के सख्त निर्देश पर मौके पर पहुंचे जल संस्थान के अधिकारियों ने पाइप लाइनों को दुरुस्त करवाया। वहीं, एनएच द्वारा प्राकृतिक सीर से बह रहे पानी की निकासी की व्यवस्था की है। जल्द ही समस्या का निराकरण हो जायेगा।

सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी/गरमपानी। उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा—हल्द्वानी हाईवे में सुयालबाड़ी से कुछ आगे करतियागाड़ में निर्माणाधीन ब्रिज के पास बीते कई दिनों से जबरदस्त जल भराव हो गया था। कीचड़ और मलबे से गुजरने में वाहन चालकों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा था। जन समस्या को देखते हुए सीएनई में गत 31 दिसंबर को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया।

एसडीएम कोश्याकुटौली ने दिए सख्त आदेश

एसडीएम कोश्याकुटौली विपिन चंद्र पंत से भी इस मसले पर वार्ता हुई। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए समस्या का समाधान नहीं होने पर दोषी पाए जाने वाले विभाग पर कार्रवाई की चेतावनी दी। जिसके बाद मामले की जांच के लिए गत दिवस एनएच, निर्माण कंपनी व जल संस्थान के अधिकारी पहुंचे।

जल संस्थान की ओर से पानी के स्रोत से ही पाइप लाइनों को हटवा कर ब्रिज से नीचे से डलवा दिया गया। सीएनई संवाददाता की मामले को लेकर सहायक अभियंता जल संस्थान सुभाष चंद्र गंगोला से वार्ता हुई।

जल संस्थान के सहायक अभ्ज्ञियंता सुभाष चंद्र से वार्ता

सहायक अभियंता सुभाष चंद्र गंगोला ने कहा कि हर घर जल मिशन के तहत पाइप लाइनें डाली जा रही हैं। नियम यह है कि पाइप लाइनें सड़क से अधिकतम दो फीट नीचे लगाई जायें। इस हेतु संबंधित ठेकेदार को भी निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि करतियागाड़ के पास सड़क पर जल भराव का मुख्य कारण गधेरे से बनी एक प्राकृतिक सीर से बड़ी मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है। जिस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है।

वहीं, एनएच विभाग के द्वारा भी जांच के उपरांत नाली निर्माण किया गया। जिससे सड़क में बह रहे पानी की उचित निकासी हो सके। प्राकृतिक जल स्रोत से बह रहे पानी की उचित निकासी के प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि भविष्य में भी ऐसी दिक्कतें न हो।

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