सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। जिले के स्वतंत्रता सेनानी स्व. राम सिंह गड़िया का शिलापट तोड़कर शौचालय में फेंका है। दो साल से यह शिलापट गांव में स्थापित होने की बाट जोह रहा है।

पंचायत भवन, स्कूल आदि स्थानों पर इसे लगाया जाना था, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी इन्हें नहीं लगाया गया। शिलापट शौचालय में फेंके जाने पर सेनानी परिवार ने कड़ी आपत्ति जताई है। कहा कि मामले की जांच के लिए डीएम से मुलाकात की जाएगी।
देश की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका अहम रही है। इसी आंदोलन के अग्रणी आजाद हिंद फौजी के सैनिक राम सिंह गड़िया भी रहे। सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दिनांक 15 अगस्त 2023 को उनके गांव पलायन में शिलापट लगाने के लिए भेजे। ये शिलापट लंबे समय तक नहीं लग पाए।
पिछले महीने जिलाधिकारी के साथ स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियों की मीटिंग हुई। तब भी शिलापट को स्थापित करने की मांग उठाई गई थी, लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। पिछले सप्ताह असामाजिक और अराजक तत्वों ने शिला पट्ट को तोड़कर शौचालय में फेंक दिया।
इस कृत पर प्रदेश के स्वतंत्रता सेनानियों में भारी रोष है। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रकोष्ठ के प्रांतीय महामंत्री अवधेश पंत ने घटना की घोर निंदा करते हुए सरकार और प्रशासन से अविलंब संज्ञान लेने तथा दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही शिलापट्ट को उचित स्थान पर भव्य रूप से स्थापित करने की भी मांग की।
पंत ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि आज देश भक्ति की भावना एवं अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों /शहीदों के बलिदान को हम भूलते जा रहे हैं। इसके लिए हमारी शिक्षा पद्धति भी दोषी पंत ने प्रशासन से एक सप्ताह में उचित कार्रवाई की मांग की अन्यथा प्रदेश का स्वतंत्रता सेनानी परिवार बागेश्वर जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन को बाध्य होगा।
शिलापट तोड़कर फेंकने की घटना से उनका परिवार पूरी तरह तकलीफ में है। पट को तोड़कर शौलाचय में फेंका है। लोग उस पर पेशाब कर रहे हैं। यदि मैदान में पट होता तो वह उठाकर उसे हटा देते। महान स्वतंत्रिा सेनानी के शिलापट तोड़ने के मामले की जांच होनी चाहिए। इस मामले को लेकर वह सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय जाएंगे।
- गणेश सिंह गड़िया स्वतंत्रता सेनानी राम सिंह गड़िया के पोते