सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
हत्या के एक मामले में सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी है। हत्या का यह बहुचर्चित मामला इसी साल अगस्त माह का है, जो कि बेस तिराहा में घटित हुआ था।
अभियुक्त विनोद लटवाल पुत्र पान सिंह लटवाल निवासी ग्राम देवली पोस्ट लोधिया तहसील व जिला अल्मोड़ा द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी जमानत हेतु जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिस पर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदरी पूरन सिंह कैड़ा द्वारा अभियुक्त की जमानत का घोर विरोध करते हुए न्यायालय को यह बताया कि 05 अगस्त, 2021 को बेस तिराहा अल्मोड़ा के पास सड़क के नीचे एक शव बरामद हुआ था।
सूचना प्राप्त होने पर मृतक का पुलिस द्वारा पंचनामा/ पोस्टमार्टम की कार्यवाही अज्ञात में की गयी। इसके बाद मृतक की शिनाख्त 06 अगस्त, 2021 को मृतक के पुत्र प्रवीण कनवाल पुत्र हर सिंह कनवाल निवासी ग्राम सैनार थाना व जिला अल्मोड़ा ने की। उन्होंने बताया कि मृतक उनके पिता हर सिंह कनवाल पुत्र मोहन सिंह कनवाल निवासी ग्राम सैनार थाना व जिला अल्मोड़ा हैं। जिस पर मृतक के भाई लछम सिंह कनवाल पुत्र मोहन सिंह कनवाल निवासी ग्राम सैनार थाना व जिला अल्मोड़ा द्वारा 10 अगस्त, 2021 को थाना कोतवाली अल्मोड़ा में अज्ञात के विरूद्ध तहरीर दी।
उक्त तहरीर के आधार पर पुलिस द्वारा सैनार रोड पर स्थित इनोवर्स ऐकेडमी ट्रेनिग सेन्टर पर लगे सीसीटीवी फुटेज में अल्टो कार संख्या-यूके-01 टीए-2775 का रात्रि सयम 9:40 बजे से 9:45 बजे के मध्य सैनार गांव की ओर से आना दर्शित हुई। उक्त वाहन के पूछताछ करने पर पता चला कि उक्त अल्टो कार को लोधिया बरसीमी निवासी मनोज कुमार पुत्र आनन्द राम चलवाता है। उससे पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि 04 अगस्त, 2021 की रात्रि में उक्त वाहन को अभियुक्त विनोद लटवाल चला रहा था और उक्त वाहन उसके भाई गणेश के नाम रजिस्टर्ड है। उक्त सूचना पर 12 अगस्त, 2021 को अभियुक्त विनोद लटवाल को गिरफ्तार कर पूछताछ की गयी तो अभियुक्त विनोद लटवाल द्वारा बताया गया कि मृतक हर सिंह की कपड़े से गला घोटकर उसकी हत्या उसने की थी तथा 13 अगस्त, 2021 को अभियुक्त की निशानदेही पर मृतक हर सिंह कनवाल का मोबाईल फोन व हत्या में प्रयुक्त कपड़ा अभियुक्त के घर से बरामद किया गया।
शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने पक्ष रखा कि अभियक्त द्वारा एक जघन्य अपराध कारित किया गया है। जिस कारण अभियुक्त की जमानत का कोई औचित्य नहीं है। जिसके बाद पत्रावली में मौजूद साक्ष्य का परिशीलन कर न्यायालय ने अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र आज 08 अगस्त को खारिज कर दिया।