सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
कोरोनाकाल में दूर शहरों से मजबूरन रोजी—रोटी छोड़कर अपने गांव वापस लौटे प्रवासियों की चिंता कुछ समाजसेवकों को सता रही है। ऐसे में पूर्व कर्मचारी नेता एवं सामाजिक कार्यों में सदैव बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले चंद्रमणि भट्ट व सामाजिक कार्यकर्ता दयाकृष्ण कांडपाल ने नेक पहल अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लाक में शुरू की है। इस पहल में बेरोजगार हुए युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की ठानी है। इसके लिए सामूहिक प्रयास करने का निर्णय लेते हुए बकायदा क्षेत्रीय बेरोजगार युवा संघर्ष समिति धौलादेवी का गठन भी कर लिया है। यह समिति मुख्यत: स्वरोजगार से जोड़ने की ठोस पहल करेगी और क्षेत्रीय समस्याओं के निदान की दिशा में भी कदम उठाएगी।
दरअसल, दूर शहरों से कोरोनाकाल के चलते नौकरी छोड़ गांव लौटे युवाओं की बेरोजगारी देख विचार आया कि कोई बेहतर मार्ग प्रशस्त किया जाए, ताकि लोग रोजगार में जुड़ सकें। इसी नेक विचार के चलते धौलादेवी ब्लाक के ग्राम अण्डोली से पहल शुरू की गई है। पूर्व कर्मचारी नेता चंद्रमणि भट्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता दयाकृष्ण कांडपाल ने क्षेत्र के युवकों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए सामूहिक पहल के लिए प्रेरित किया। ग्राम अंडोली में उन्होंने क्षेत्र के अंडोली, मटकन्या, घुरकुना, दौलीगाड़ आदि गांवों के युवाओं की बैठक कराई। इसमें उक्त विचार पर सामूहिक चर्चा हुई। सर्वप्रथम बेरोजगारों को मास्क बांटे गए। बैठक में दयाकृष्ण कांडपाल ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार योजनाओं का लाभ लेकर स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने की कोशिश करनी होगी। मगर इसके लिए एकजुट प्रयास जरूरी हैं। इसके लिए एक संगठन के बैनर तले प्रयास होने चाहिए, जो स्वरोजगार के लिए संघर्ष करे और क्षेत्रीय समस्याओं के निदान की लड़ाई भी लड़ सके।
सभी ने पहल का समर्थन करते हुए क्षेत्रीय बेरोजगार युवा संघर्ष समिति धौलादेवी का गठन किया। जो विकासखंड के अन्य गांवों में युवाओं से संपर्क साधेगी और स्वरोजगार के लिए संघर्ष करेगी। सर्वसम्मति से समिति के लिए चंद्रमणि भट्ट मुख्य संरक्षक व दयाकृष्ण कांडपाल मुख्य सलाहकार चुने गए। इनके अलावा गिरीश चंद्र पांडे (गौरव) मुख्य संयोजक, पंकज सिंह गैड़ा, दीवान सिंह, दीपक, नीरज, चंदन सिंह, कमल सिंह, पवन सिंह व भोपाल सिंह को सह संयोजक बनाया गया है। इनके अतिरिक्त समिति में अशोक पांडे, मनोज पांडे, परमानंद पांडे, कृष्ण कुमार, वीरेंद्र कुमार, धीरज कुमार, संतोष कुमार, हेमंत कुमार, रोहित कुमार, अमित कुमार, विक्की आर्य को शामिल किया गया है। बैठक में कहा गया कि क्षेत्र में सब्जी उत्पादन प्रमुख व्यवसाय है। जिसे स्वरोजगार का साधन बनाया जा सकता है, मगर इसमें सबसे बड़ी बाधा सड़क का अभाव है। इस बात पर अफसोस व्यक्त किया गया कि झांकरसैम से घुरकपना—मटकन्या तक 4 किमी सड़क वर्ष 1990 से स्वीकृत है। मगर आज तक सड़क नहीं बन पाई। सड़क निर्माण में कहीं पेड़ तक आड़े नहीं आ रहे हैं। ऐसे में बिना सड़क सब्जियों को बाजार तक पहुंचाना टेड़ी खीर है। तत्पश्चात प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि इस सड़क का निर्माण शीघ्र कराया जाए। यह निर्णय भी लिया गया कि यदि सड़क का कार्य अविलंब शुरू नहीं हुआ, तो समिति धरना—प्रदर्शन किया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन से वार्ता करने का निर्णय लिया गया। दूसरे प्रस्ताव में जिला प्रशासन से यह मांग भी की गई कि वह क्षेत्र में शिविर लगाकर स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी युवाओं को दे। दूरभाष पर वार्ता में भारतीय कृर्षि रक्षा अनुसंधान के पूर्व निदेशक एमसी जोशी ने भी आश्वासन दिया है कि वे बेरोजगारों को कृर्षि तकनीकों व विपणन में सहयोग करेंगे। बैठक में दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, बिस्कुट फैक्ट्री, मशाला उद्योग व मशरूम उत्पादन को अपनाने पर चर्चा हुई।
अल्मोड़ा : बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने की धौलादेवी से सामूहिक पहल, नवगठित संघर्ष समिति उठाएगी बीड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रमणि व दयाकृष्ण के प्रयासों ने पकड़ी गति
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाकोरोनाकाल में दूर शहरों से मजबूरन रोजी—रोटी छोड़कर अपने गांव वापस लौटे प्रवासियों की चिंता कुछ समाजसेवकों को सता रही है। ऐसे में…