BIG BREAKING : संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक, 2 युवक विजिटर गैलरी से लोकसभा में कूदे

नई दिल्ली | संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। दो युवक लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में घुस गए।…

लोकसभा घुसपैठ केस में 8 सुरक्षाकर्मी सस्पेंड, PM ने मंत्रियों के साथ मीटिंग की

नई दिल्ली | संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। दो युवक लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में घुस गए। ये दोनों शख्स दर्शक दीर्घा से कूदे थे। इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। जब कूदे तो सांसदों को धुआं उठता दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि जो दो लोग कार्यवाही के दौरान घुसे, उनमें एक का नाम सागर है। दोनों सांसद के नाम पर लोकसभा विजिटर पास पर आए थे।

किसने क्या बताया?

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, अचानक दो लोग विजिटर गैलरी से लोकसभा में कूदे। दोनों की उम्र करीब 20 साल है। ये लोग कनस्तर लिए हुए थे। इन कनस्तरों में पीले रंग की गैस निकल रही थी। दोनों में से एक व्यक्ति दौड़कर स्पीकर की चेयर के सामने पहुंच गया था। वे कोई नारे लगा रहे थे। आशंका है कि ये गैस जहरीली हो सकती है। 13 दिसंबर 2001 के बाद ये फिर संसद की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला है।

अधीर रंजन चौधरी- दो लोग गैलरी से कूदे। उन्होंने कुछ फेंका, जिससे गैस निकल रही थी। उन्हें सांसदों ने पकड़ लिया और फिर सुरक्षा अधिकारियों ने बाहर कर दिया। यह सुरक्षा में चूक तब हुई है, जब संसद हमले की 22वीं बरसी है।

2001 में इसी दिन संसद पर हमला

13 दिसंबर 2001 को संसद में विंटर सेशन चल रहा था। महिला आरक्षण बिल पर हंगामे के बाद 11:02 पर संसद को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद से जा चुके थे।

करीब साढ़े ग्यारह बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे और तभी सफेद एंबेसडर में सवार 5 आतंकी गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुस गए। उस समय सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे हुआ करते थे।

ये सब देखकर सिक्योरिटी गार्ड ने उस एंबेसडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। तभी आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकरा गई। घबराकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों के पास एके-47 और हैंडग्रेनेड थे, जबकि सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे थे।

संसद में मौजूद थे आडवाणी, प्रमोद महाजन और कई पत्रकार

गोलियों की आवाज सुनते ही CRPF की एक बटालियन भी एक्टिव हो गई। उस वक्त संसद में देश के गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रमोद महाजन समेत कई बड़े नेता और पत्रकार मौजूद थे। सभी को अंदर ही सुरक्षित रहने को कहा गया।

इस बीच एक आतंकी ने गेट नंबर-1 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन सिक्योरिटी फोर्सेज ने उसे वहीं मार गिराया। इसके बाद उसके शरीर पर लगे बम में भी ब्लास्ट हो गया। बाकी के 4 आतंकियों ने गेट नंबर-4 से सदन में घुसने की कोशिश की, लेकिन इनमें से 3 आतंकियों को वहीं पर मार दिया गया। इसके बाद बचे हुए आखिरी आतंकी ने गेट नंबर-5 की तरफ दौड़ लगाई, लेकिन वो भी जवानों की गोली का शिकार हो गया। जवानों और आतंकियों के बीच 11:30 बजे शुरू हुई ये मुठभेड़ शाम को 4 बजे खत्म हुई।

आतंकी अफजल गुरु को फांसी मिली

संसद पर हमले के दो दिन बाद ही 15 दिसंबर 2001 को मास्टरमाइंड अफजल गुरु, एसएआर गिलानी, अफशान गुरु और शौकत हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी और अफशान को बरी कर दिया, लेकिन अफजल गुरु की मौत की सजा को बरकरार रखा।

शौकत हुसैन की मौत की सजा को भी घटा दिया और 10 साल की सजा का फैसला सुनाया। 9 फरवरी 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी पर लटका दिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *