उत्तराखंड, बड़ी ख़बर : बड़ी​ मिसाल, इनके हौंसले से हारी आपदा

खुद श्रमदान ​कर किया क्षतिग्रस्त मार्ग, पुल और पेयजल योजना का पुननिर्माण — अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट — नैनीताल। अतिवृष्टि से हुई भारी तबाही…


  • खुद श्रमदान ​कर किया क्षतिग्रस्त मार्ग, पुल और पेयजल योजना का पुननिर्माण

— अनूप सिंह जीना की रिपोर्ट —

नैनीताल। अतिवृष्टि से हुई भारी तबाही के बाद जहां तमाम संपर्क मार्ग, पुल, आवास, पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गईं। वहीं कुछ ग्राम सभाएं ऐसी भी हैं, जिन्होंने सरकारी मदद को तकने की बजाए पुननिर्माण का कार्य स्वयं एकजुट होकर कर दिया। निश्चित रूप से ग्रामीणों का यह प्रयास बड़ी मिसाल है।

उल्लेखनीय है कि नैनीताल जनपद में आपदा से सर्वाधिक नुकसान हुआ है। यहां के तमाम गांवों में आज भी हालात बदतर बने हुए हैं। ऐसे समय में बेतलाघाट ब्लॉक के ग्राम सभा घुना में दो दिन की अतिवृष्टि ने जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। ग्राम सभा का संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। यही नहीं ग्राम सभा को जाने वाला एक मात्र पुल भी नदी के तेज बहाव के भेंट चढ़ चुका है। जिस कारण यहां से लोगों की आवाजाही बन्द हो गई।

हालात ऐसे हो गये कि ग्राम सभाओं में रहने वाले ग्रामीणों के घरों में रहने वाला राशन भी खत्म हो हो गया। तब कहीं जाकर ग्रामीणों ने तय किया कि वह सरकार मदद का इंतजार करने के बजाए स्वयं निर्माण कार्य करेंगे। इसके बाद ग्राम सभा के प्रधान पति को साथ लेकर 25 से अधिक लोग खुद ही सड़क बनाने में जुट गए। ग्राम सभा के युवाओं द्वारा सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मार्ग बनाने में जुटे रहे। वहीं उसके बाद ग्राम सभा के लोगों द्वारा बाजार की आवाजाही की गई। जिसके बाद ग्राम सभा में लोगों के घरों तक राशन पहुंच पाया।

प्रधान पति नन्द किशोर आर्य ने बताया कि 2 दिन की बारिश से पूरी ग्राम सभा चौपट हो चुकी है। जिसमें सभी आने—जाने के रास्ते नदी के साथ बह चुके हैं। ग्राम सभा के कई घर मालबे में दब गये हैं। सारे खेत नदी के साथ बह गए हैं।

उधर ऐसा ही कुछ नजार विकासखंड रामगढ़ की ग्राम सभा सुयागाड़ में देखने को मिला। यहां ग्राम वासियों ने पानी की पूरी तरह से क्षतिग्रस्त लाइन को घरेलू पाइपों से श्रमदान द्वारा दुरूस्त कर दिया। जिससे गांव में पानी की आपूर्ति दोबारा शुरू हो पाई। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता विनोद चंद्र ने बताया कि सुयालगाड़ क्षेत्र और पाथरी, छीमी मटेला में भी काफी नुकसान हुआ है। तमाम खेत बह गये हैं और आवास भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।


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