— जिले के दूरस्थ क्षेत्र शामा—लीती पहुंची जिलाधिकारी
— किसानों के काम, उत्पादन व प्रगति का अवलोकन
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर: जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि जिले के गांवों की तस्वीर अब औद्यानिक पर्यटन (हार्टी टूरिज्म) से बदलेगी। पर्यटन व उद्यान विभाग मिलकर कसानों को सशक्त करेंगे। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खेती के साथ-साथ फल, फूल व सब्जी उत्पादन किसानों की आय में वृद्धि करेगा। जनपद को अपार प्राकृतिक संपदा से नवाजा है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं है।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने जनपद के दूरस्थ क्षेत्र शामा-लीती क्षेत्र भ्रमण के दौरान अधिकारियों से कहा गांवों के विकास से ही किसी राज्य और देश के विकास का प्रारूप तैयार होता है। हमारा लक्ष्य गांवों का समुचित विकास करना होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने लीती के प्रगतिशील किसानों द्वारा रोपित कीवी फल पौध रोपण, पॉलीहाउस एवं होमस्टे का जायजा लिया।
कीवी में कमा रहे बड़ी रकम
कपकोट: जिलाधिकारी ने लीती के प्रगतिशील काश्तकार भवान सिंह, राम सिंह, खीम सिंह व गोविंद सिंह द्वारा रोपित कीवी फल पौध रोपण व पॉलीहाउस का जायजा लिया। उन्होंने किसानों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए उद्यान विभाग को कीवी उत्पादन को प्रोत्साहित करते हुए प्रत्येक घर तक कीवी उत्पादन पहुंचे, इस हेतु काश्तकारों को समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन देने के निर्देश दिए। सहायक उद्यान अधिकारी कुलदीप जोशी ने बताया कि जिला योजना के तहत 80 प्रतिशत अनुदान पर कीवी बगीचे की स्थापना की जा रही है। शामा क्षेत्र में 150 कृषक कीवी उत्पादन का कार्य कर रहे हैं, जो प्रतिवर्ष 600 क्विंटल कीवी उत्पादित कर लगभग सात लाख तक प्रति हेक्टेयर आय अर्जित कर रहे हैं।
भेड़ प्रजनन केंद्र का निरीक्षण
कपकोट: जिलाधिकारी ने क्षेत्र में स्थापित भेड़ प्रजनन का निरीक्षण किया। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरआर चंद्रा ने बताया कि शामा व लीती कुल 49.6 हेक्टेयर भूमि में स्थित है। वर्तमान में प्रक्षेत्र में कुल 253 पशुधन मौजूद है, जिसमें आयतित ऑस्ट्रेलियन मैरिनो मेंढे, मैरिनो भेड़ वह कश्मीरी मैरिनो नस्ल की भेड़ पाली जा रही है। जिले में कुल 18 हजार भेड़े मौजूद हैं। 800 लोग इस कारोबार से जुड़े हैं। निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी मोनिका, जिला पर्यटन विकास अधिकारी कीर्ति आर्या, तहसीलदार पूजा शर्मा आदि मौजूद रहे।