Bageshwar News: जिला पंचायत सदस्यों का अध्यक्ष के खिलाफ धरना, अनियमितताओं की जांच की मांग पर अड़े सदस्य, एएमए अवकाश पर गए

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव के खिलाफ जिपं सदस्यों का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। उन्होंने नारेबाजी की और जिपं के…

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव के खिलाफ जिपं सदस्यों का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। उन्होंने नारेबाजी की और जिपं के कार्यों की जांच की मांग की। ऐसा नहीं होने पर शीघ्र आंदोलन की धार तेज करने की चेतावनी दी।
जिला पंचायत परिसर में सदस्यों ने धरना दिया और नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि 11 दिन से वह धरने पर बैठे हैं। लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी सुध तक नहीं ली है। जिला पंचायत के एएमए अवकाश पर चले गए हैं। जिलाधिकारी भी छुट्टी पर हैं। ऐसे में पंचायत जनप्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि वह जिला पंचायत में व्याप्त अनियमिताओं की जांच की मांग कर रहे हैं। जिपंअ के विवेकाधीन 55 प्रतिशत को लेकर उन्होंने आवाज बुलंद की है। लेकिन भाजपा के डंबल इंजन सरकार में कोई सुनने वाला नहीं हैं। गांवों का विकास पटरी से उतर गया है। जनप्रतिनिधि होने के नाते वह लोगों की समस्याओं को लेकर आंदोलित हैं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार से उन्होंने क्रमिक अनशन का एलान किया था। लेकिन जिलाधिकारी और एएमए जिले में नहीं होने के कारण कार्यक्रम टाला गया है। उन्होंने कहा कि आंदोलन को और तेज करने का शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार, वंदना ऐठानी, हरीश ऐठानी, सुरेंद्र सिंह खेतवाल, रूपा कोरंगा, इंद्रा परिहार, पूजा आर्य, रेखा देवी, गोपा धपोला आदि मौजूद थे।

आंदोलन पर विधायक का पलटवार
कपकोट के विधायक बलवन्त सिंह भौर्याल ने बागेश्वर में कुछ जिला पंचायत सदस्यों द्वारा किए जा रहे आंदोलन को महज राजनीति से प्रेरित व नौटंकी करार दिया है। आंदोलन पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष ईमानदारी से जनहित में विकास कार्यों को अंजाम दे रही हैं, मगर कांग्रेसी सदस्यों द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष की छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र कर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल में जिला पंचायत में भारी मात्रा में अनिमियतता व भ्रष्टाचार हुआ है और उसकी जांच में पुष्टि भी हो चुकी है। अभी जांच विचाराधीन है। इन्हीं अपने पुराने कारनामों को छिपाने के लिए पूर्व अध्यक्ष द्वारा आंदोलन की रचना की गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी धर्मपत्नी की जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर हार को नहीं पचा पा रहे हैं।

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