विक्की पाठक
मोटाहल्दू। आज एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है जो मानवता के नाते तो सराहनीय है लेकिन कोरोना के खतरे को देखते हुये दुस्साहसिक ही कहा जायेगा। यह मामला नियमों के खिलाफ भी है। अब हो हल्ला होने पर मामला उच्चाधिकारियों की टेबल तक जा पहुंचा है। अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी इस प्रकरण का किस तरह निपटारा करते है।
सर्वप्रथम आपके संज्ञान में लाना चाहेगे की विगत दिनों मोटाहल्दू प्राथमिक स्वास्थ्य के अधिकारी व कर्मचारी में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद से यहाँ ऑफिस कार्यो के अलावा ओपीडी, प्रसव व अन्य कार्यो को बंद किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार लालकुआं लोकेशन की 108 एम्बुलेंस प्रसव पीड़ित महिला को लालकुआं क्षेत्र से यहां मोटाहल्दू स्वास्थ्य केंद्र ले आई। 108 सेवा की फार्मसिस्ट मीनल जैसवाल ने महिला की प्रसव वेदना को देख कर ततपरता दिखाते हुए महिला का इसी केंद्र में बिना इजाजत प्रसव करा दिया। महिला ने पुत्र को जन्म दिया। फिलहाल जच्चा बच्चा दोनों की हालत ठीक है और वह पूरी तरह से खतरे से बाहर है।
परन्तु इस स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के कार्य पूर्ण रूप से बन्द किये गए है । अगर ऐसे में महिला व बच्चे में कोरोना का संक्रमण हुआ तो मामला बिगड़ सकता है।
हॉस्पिटल परिसर में जिस प्रकार कोरोना संक्रमण को रोकने के मकसद से सुविधाओ को बन्द किया है। परंतु हॉस्पिटल के मेन गेट से हर किसी व्यक्ति का आवागमन लगातार जारी है। गेट में न तो वेरिगेटिंग लगाई है और न ही कोई रस्सी बांधी गई है।
हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से मैन गेट के पास एक ए 4 साइज के पेपर में सूचना चस्पा की गई है, लेकिन सूचना पत्र का आकार छोटा होने के कारण वह हर किसी व्यक्ति की नजर में नही आ रहा है, आज शाम हुए प्रकरण में भी यही हुआ है 108 एम्बुलेंस की फार्मसिस्ट की ओर से कहा गया कि न तो मेन गेट को सील किया गया था और न ही उन्हें सूचना पत्र चस्पा किया हुआ दिखा। उन्होंने बताया अगर वह महिला की समय रहते प्रसव नहीं कराती तो उसकी जान भी जा सकती थी। उन्होंने मानवता के नाते इस कार्य को किया फिलहाल माँ व बच्चा दोनों ठीक है। और यह मामला स्वास्थ विभाग के उच्च अधिकारियों तक पहुँचने की सूचना है।