बड़ी खबर (बागेश्वर) : 2022 में उत्तरायणी मेला कराएगा प्रशासन, मेले को दिया जाएगा भव्य रूप – डीएम

उत्तरायणी मेला इस बार कराएगा प्रशासन आयोजित बैठक में जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच हुआ मंथन कोरोना गाइडलाइन को लेकर भी हुई चर्चा विधानसभा चुनाव…

  • उत्तरायणी मेला इस बार कराएगा प्रशासन
  • आयोजित बैठक में जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच हुआ मंथन
  • कोरोना गाइडलाइन को लेकर भी हुई चर्चा
  • विधानसभा चुनाव को लेकर लग सकती है दिसंबर में आचार संहिता

बागेश्वर। ऐतिहासिक, पौराणिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक उत्तरायणी मेला 14 जनवरी से शुरू होता है। कोरोना के कारण दो वर्ष से उत्तरायणी मेला नहीं हुआ है। लेकिन इस वर्ष कोरोना की लहर थमी है। जिसके कारण मेले के आयोजन को रणनीति बनाई जा रही है। विधानसभा चुनाव को लेकर दिसंबर में यदि आचार संहिता लगी तो मेला प्रशासन कराएगा।

14 जनवरी यानी माघ माह के प्रथम दिन से शुरू होने उत्तराणी मेले को लेकर विकास भवन सभागार में बैठक आयोजित हुई। मेले को आकर्षित और भव्य बनाने का निर्णय लिया गया। जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि उत्तरायणी मेले से बागेश्वर की पहचान है। मेले को शांतिपूर्वक कराने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। बागनाथ मंदिर और अन्य मंदिरों की सजावट फूलों और विद्युत मालाओं से होगी। मेले को भव्य रूप दिया जाएगा। बाहर से आने वाले लोग भी अच्छा संदेश लेकर जाएंगे।

पर्यटन विभाग विदेशी पर्यटकों को भी उत्तरायणी मेले में लाने का प्रयास करेगा। सांस्कृतिक पहचान और धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति मिलेगी। स्थानीय कलाकारों को पारंपरिक विधाओं को उजागर करने का मौका मिलेगा। झोड़ा, चांचरी, छपेली को प्राथमिकता मिलेगी। विभाग नुमाइशखेत में स्टाल लगाएंगे। लोनिवि सड़कों को दुरुस्त करेगा। बागनाथ मंदिर के समीप निर्माणाधीन पुल को दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में विधायक चंदन राम दास, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार, गोविंद बिष्ट समेत सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

पुलिस बल की कमी नहीं
पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने कहा कि मेला शांतिपूर्ण संपन्न कराया जाएगा। जिसके लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात होगा। बाहर से पुलिस और पीएसी बुलाई जाएगी। होमगार्ड और पीआरडी जवान भी तैना किए जाएंगे। अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

अलाव की होगी व्यवस्था
नगर पालिका अलाव की व्यवस्था करेगा। जिसके लिए जलौनी लकड़ियों को खरीदी जाएंगी। खाद्य सामग्री खुले में बेची नहीं जाएगी। ऐसे दुकानदारों की सैंपलिंग होगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी जांच करेंगे।

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