सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
लंबे समय से विभिन्न समस्याओं को उठाने के बावजूद समस्याएं जस की तस पड़ी रहने से आज फिर आशा वर्कर्स का पारा चढ़ गया। उन्होंने आज उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले जिला मुख्यालय पर एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर धरना व प्रदर्शन किया। इस धरने के जरिये दो टूक चेतावनी दे डाली कि यदि आगामी एक अगस्त तक मानदेय निर्धारण नहीं हुआ और मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं हुई, तो 02 अगस्त से आशाएं कार्य बहिष्कार पर उतर जाएंगी।
आज जिले के विभिन्न क्षेत्रों की आशा कार्यकर्तियां ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन एवं सीटू से संबद्ध उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ती यूनियन के संयुक्त तत्वावधान में यहां चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क में जुटी। जहां उन्होंने नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया और धरना व सभा कर पुरजोर तरीके से अपनी मांगें उठाई और सरकार से अविलंब मांगों को पूरा करने की मांग उठाई। बाद में मांगपत्र जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित किया।
मांगपत्र में आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देकर न्यूनतम 21 हजार वेतन दिया जाने, जब तक मासिक वेतन व सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता, तब तक मासिक मानदेय फिक्स करने, सेवानिवृत्त आशाओं के लिए पेंशन सुविधा लागू करने, घोषित कोरोनाकाल का भत्ता देने, कोविड ड्यूटी में लगी आशाओं का 50 लाख रुपये का जीवन बीमा व 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराने समेत विभिन्न 12 सूत्रीय मांगें उठाई हैं।
धरना प्रदर्शन में यूनियन की अध्यक्ष जानकी गुरूरानी, ब्लाक अध्यक्ष ममता तिवारी व विजय लक्ष्मी, महासचिव पूजा बगडवाल समेत बबीता तिवारी, गीता कनवाल, प्रेमा बिष्ट, खष्टी कनवाल, आनंदी जोशी, नीमा देवी, मुन्नी बिष्ट, सरस्वती नेगी, हेमा बिष्ट, चंद्रा बिष्ट, हेमा उपाध्याय, उमा आगरी, जीवा परिहार, बीना जोशी, ललिता देवी, रमा तिवारी, सरस्वती अधिकारी, तारा चौहान आदि कई आशा वर्कर्स शामिल हुईं।