Asad Ahmed : विदेश जाना चाहता था असद, अतीक ने बना दिया अपराधी

✍️ काश तब ही असद को जड़ा होता तमाचा असद अहदम एनकाउंटर : अगर अतीक अहमद ने अपने बेटे असद के हाथ में बचपन में…

असद अहदम एनकाउंटर

✍️ काश तब ही असद को जड़ा होता तमाचा

असद अहदम एनकाउंटर : अगर अतीक अहमद ने अपने बेटे असद के हाथ में बचपन में बंदूक नहीं थमाई होती तो आज उसका यह हश्र नहीं होता। जो लड़का अपनी कक्षा में टॉपर था और इंटर के बाद विदेश जाने का सपना देखता था उसके बाप ने उसे एक गुंडा-मवाली बना डाला। हम यहां बात कर रहे हैं माफिया अतीक अहमद के बेटे असद की, जिसको पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।

ज्ञात रहे कि माफिया अतीक की पांच औलादों में असद तीसरे नंबर का बेटा था। आज हालत यह है कि असद मारा गया है और उसके दो भाई उमर और अली जेल में हैं तथा दो नाबालिग छोटे भाई बाल सुधार गृह में रखे गये हैं।

2017 में ही रोक देता तो आज यह हश्र नहीं होता

अतीक अहमद के बेटे असद का अंत तो साल 2017 में ही तय हो गया था, जब पहली बार महज 12 साल की उम्र में उसने एक शादी समारोह में तबातोड़ हर्ष फायरिंग शुरू कर दी थी। कायदे से उस वक्त अतीक ने अपने बेटे से पिस्टल छीन उसके गाल पर एक तमाचा रसीद कर दिया होता तो आज असद इतना बड़ा अपराधी नहीं बनता। वह आज जिंदा होता और कहीं विदेश में अच्छी नौकरी कर रहा होता।

आपको बता दें कि असद अहमद का हाल में एक वीडियो वायरल हुआ है। जो कि साल 2017 का है। इस वीडियो में 12 वर्षीय असद एक शादी समारोह में हवाई फायरिंग करता दिख रहा है। ऐसे में उसे रोकने की जगह असद व परिवार के लोग उसकी तारीफ कर रहे हैं। लोग असद से और गोली चलाओ कहते दिखाई दे रहे हैं। पुराने लोगों का कहना है कि अतीक अहमद अपने बच्चों को को पढ़ाने से ज्यादा फायरिंग की ट्रेनिंग देना पसंद करता था।

बाप की ऐंठ में टीचर को पीट दिया था

अतीक के बेटे असद ने प्रयागराज के बिशप जॉनसन स्कूल से शिक्षा ग्रहण की थी। उसके तब के शिक्षक बताते हैं कि वह अपने बाप अतीक अहमद की शय पाकर दादागिरी करता था। बहुत गुस्सैल स्वभाव का भी था। हालांकि वह पढ़ने में होशियार था, लेकिन उसके माता-पिता ने उसे हथियार सौंप गलत रास्ते की ओर धकेल दिया था। एक बार वह किसी खेल प्रतियोगिता में हारा तो उसने गुस्से में आकर अपने टीचर की बुरी तरह पिटाई कर दी थी। उसके बाप अतीक के डर से समस्त स्कूल स्टॉफ ने इस मसले को लेकर तब चुप्पी साध ली थी।

नहीं होता आपराधिक रिकार्ड तो आज विदेश में होता

अतीक ने असद को अगर अच्छे संस्कार दिए होते तो वह बचपन से अपराधी नहीं बनता। युवा अवस्था में प्रवेश करते वक्त वह अपराध की ओर प्रवृत्त हो चुका था। उसने लखनऊ के एक नामी कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास करी और विदेश जाने का मन बनाया। पर अतीक का तो पूरा कुनबा ही आपराधिक वारदातों में शामिल था। असद के आपराधिक रिकॉर्ड के कारण उसका पासपोर्ट ही नहीं बन पाया था।

सांसद-विधायक अब्बू की इतनी धौंस कि खुद को सांसद मान बैठा

असद के स्कूली दोस्त बताते हैं कि उसके अब्बू अतीक अहमद 05 बार शहर पश्चिमी से विधायक रहे।साल 2004 में फूलपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद बने। जिसके बाद असद अपने पिता की ऐंठ में रहने लगा। उसने कई चमचे भी पाल रखे थे। जो उसे ‘छोटा सांसद’ कहकर बुलाते थे। यानी असद यह मानता था कि वह भी एक दिन अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सांसद बनेगा।

अब समझ जायें असद का क्यों हुआ एनकाउंटर

दरअसल, अतीक अहमद के जेल जाने के बाद से ही असद न केवल अपने पिता के कारोबार, बल्कि माफिया राज की दुनिया को भी संभालने लग गया था। जब उसके बड़े भाई उमर और अली गिरफ्तार हुए तो असद पर पूरी जिम्मेदारी आ गई। एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार अतीक अहमद ने जुर्म की दुनिया के साथ ही राजनीति का सफर तय किया था। अतएव वह यह मानता था कि उसका बेटा असद जितना खौफ समाज के बीच पैदा करेगा उसका राजनैतिक सफर उतना ही आसान होगा। असद का नाम चांदबाबा हत्याकांड तो उसके भाई अशरफ का नाम विधायक राजू पाल हत्याकांड में आया था। अब अतीक की प्लानिंग थी कि वह बेटे असद को राजनीति में उतारे। इसलिए उसने उसे उमेश पाल हत्या के लिए प्रोत्साहित किया था।

जानिए असद के साथ एनकाउंटर में मारे गये गुलाम के बारे में

गुलाम अहमद भी इस एनकाउंटर में मारा गया। उसने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई की थी। वह प्रयागराज का रहने वाला था। वह युवा अवस्था में छात्र राजनीति में उतर गया था। बताया जा रहा है कि उसका सदाकत खान पुराना कॉलेज टाइम का साथी था। जिसके साथ बैठकर ही उसने उमेश पाल हत्याकांड की तैयारी की थी। 2017 में वह हत्या के आरो में जब जेल गया तब अतीक से पहली बार उसकी मुलाकात हुई थी। उसने चंदन सिंह नाम के एक ठेकेदार हत्या की थी, लेकिन उसे जमानत मिल गई थी। 2015 में उसकी शादी हुई। 2018 से वह काफी सक्रिय रूप में अपराध की दुनिया में दाखिल हो चुका था।

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