चोरी के डेढ़ साल बाद उसी ज्वेलरी शॉप में पहुंचे पति—पत्नी, स्वर्णकार ने सिखाया सबक

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा यहां माल रोड स्थित सुनार की दुकान में एक दंपत्ति ज्वेलरी चोरी की नियत से पहुंच गये। हैरानी की बात तो यह…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

यहां माल रोड स्थित सुनार की दुकान में एक दंपत्ति ज्वेलरी चोरी की नियत से पहुंच गये। हैरानी की बात तो यह है कि यह वही पति—पत्नी थे, जो स्वर्णकार की दुकान में डेढ़ साल पहले चोरी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं। इस घटना की पुनरावृत्ति करने के लिए यह पुन: उसी दुकान में पहुंच गये, लेकिन सजग सुनार इन्हें पहचान गया और उसने पुलिस को सूचित कर दिया। जिसके बाद पुलिस दंपत्ति को पूछताछ के लिए कोतवाली ले गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार माल रोड स्थित एक स्वर्णकार का प्रतिष्ठान है। आज दोपहर एक दंपत्ति दुकान में पहुंचा और इन्होंने सोने के आभूषण दिखाने को बोला। स्वर्णकार के अनुसार शुक्रवार को भी यह आभूषण देखने आये थे, लेकिन उसने इन्हें दिखाने से मना कर दिया था। आज शनिवार को यह दोनों पुन: दुकान पर पहुंच गये। स्वर्णकार ने बताया कि उन्हें अच्छी तरह ज्ञात है कि यही पति—पत्नि उसकी दुकान से डेढ़ साल पहले एक स्वर्ण आभूषण चोरी कर चुके थे, जिसकी सूचना उसने पुलिस को भी दी थी। डेढ़ साल बाद भी वह इस दंपत्ति को इसलिए पहचान गया, क्योंकि उसकी दुकान के सीसीटीवी में इनकी हरकतें दर्ज हो चुकी थीं। गत दिवस भी उसने इस दंपत्ति को इसी कारण आभूषण दिखाने से मना कर दिया, क्योंकि उसे ज्ञात था कि डेढ़ साल पहले इन्होंने उसकी दुकान से चोरी ​की थी। इसके बावजूद इस दंपत्ति की हिम्मत इतनी खुल ​गई कि मना करने के बावजूद यह दोबारा आभूषण दिखाने की जिद पर अड़ गये। जिस कारण उन्होंने पुलिस को फोन कर बुलवा लिया। जिसके बाद पुलिस इस दंपत्ति को कोतवाली लेकर चली गई।

स्वर्णकार ने बताया कि जब उसने दंपत्ति द्वारा डेढ़ साल पहले की गई चोरी का जिक्र किया तो पहले यह लोग साफ मुकर गये। फिर उसने उनकी पुरानी सीसीटीवी फुटेज दिखा दी। जिसके बाद यह पति—पत्नी उसके हाथ—पांव जोड़ माफी भी मांगने लगे। स्वर्णकार का कहना है कि उनका पुलिस से सिर्फ यही आग्रह है कि इस दंपत्ति ने डेढ़ साल पहले जो आभूषण चुराया है उसे वह ज्वैलरी अथवा उसकी रकम वापस मिल जाये। तब वह इस दंपत्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। इधर कोतवाली पुलिस ने बताया कि दंपत्ति को पूछताछ के लिए कोतवाली लाया गया था, जहां दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है।

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