HomeUttarakhandBageshwarBageshwar News: नशे से दूरी और कुली बेगार से सीख लेना जरूरी—राधा...

Bageshwar News: नशे से दूरी और कुली बेगार से सीख लेना जरूरी—राधा बहन, वरिष्ठ नागरिक जन कल्याण न्यास का वार्षिक अधिवेशन

— विधायक ने न्यास को दो लाख देने की घोषणा की
— वरिष्ठ नागरिकों को किया गया सम्मानित
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
मंगलवार को उत्सव बैंकट हॉल में आयोजित वरिष्ठ नागरिक जन कल्याण न्यास के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए गांधीवादी राधा बहन ने कहा कि विकास कितना हुआ, यह कह नहीं सकती, लेकिन अस्पताल, सड़क, स्कूल, कॉलेज खुल रहे हैं। अस्पताल नजदीक होने से रोगी को उपचार मिला है। यह होना भी चाहिए और इलाज के अभाव में कोई नहीं मरना चाहिए।

उन्होंने का कि नशे को फैशन बना दिया गया है। युवा पीढ़ी को बचाने के लिए बड़े लोगों को नशे से दूर रहना होगा। उन्होंने कहा कि बागेश्वर जिला जन आंदोलनों से बना है। दूसरी तरफ कुली बेगार आंदोलन से भी सीखने की जरूरत है। उनके आदर्शों पर चलकर जिले की बेहतरी के लिए काम हो सकता है। शत प्रतिशत वैक्सीन, नशामुक्ति, स्वच्छता में जिले को अव्वल होना होगा। जिसके लिए जिला प्रशासन के साथ ही लोगों को भी आगे आने की जरूरत है।

बतौर मुख्य अतिथि विधायक चंदन राम दास ने कहा कि जिले का विकास चरम पर है। सड़कों का जाल बिछ रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो रही है। बिजली, पानी के मामले में आत्मर्निभर हो गए हैं। उन्होंने न्यास को दो लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जवाहर सिंह परिहार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जिला बनाकर उन्होंने कष्ट झेले और लोगों को राहत मिली है। तत्कालीन यूपी के मुख्यमंत्री मायावती ने कपकोट तहसील के बाद जिले की घोषणा की। उन्होंने न्यास को एक लाख रुपये की मदद की। इस दौरान जिलाधिकारी विनीत कुमार समेत जिला आंदोलनकारियों और उनके परिजनों, वरिष्ठ नागरिकों आदि को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल, अल्मोड़ा प्रकाश चंद्र जोशी, डा. सुमरे चंद्र रवि, सेवानिवृत्त कर्नल रवि पांडे, बीडीएस नेगी, डा. वसुधा पंत, डा.जितेन्द्र तिवारी, उमेश जोशी, वृक्ष प्रेमी किशन मलड़ा आदि ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
स्मारिका का विमोचन

कुली बेगार आंदोलन शताब्दी वर्ष पर स्मारिका का विमोचन किया गया। जिसे वरिष्ठ नागरिकों ने प्रकाशित कराया। न्यास के अध्यक्ष रणजीत सिंह बोरा, गोविंद भंडारी, बाला दत्त तिवारी, इंद्र सिंह परिहार, भवानी राम आगरी, दलीप सिंह खेतवाल का स्मारिक के प्रकाशन में योगदान रहा।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments