उत्तराखंड- 500 पन्नों की चार्जशीट और 100 गवाहों के बयान दाखिल करेगी SIT

देहरादून| उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में एसआईटी ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली है। एसआईटी ने मामले की चार्जशीट…

अंकिता के परिजनों को झटका, सीबीआई जांच को लेकर दायर याचिका खारिज

देहरादून| उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में एसआईटी ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर ली है। एसआईटी ने मामले की चार्जशीट को अभियोजन कार्यालय (पीओ ऑफिस) भेजा है। जो सम्भवतः सोमवार को दाखिल की जाएगी। एडीजी वी मुरूगेशन ने बताया कि 500 पन्नों की चार्जशीट में 100 गवाहों के बयानों को दर्ज किया गया है। जबकि 30 से अधिक दस्तावेजी सबूत शामिल किए गए हैं। वहीं, वीआईपी के नाम पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है।

उन्होंने बताया कि पूरे मामले में SIT को तीन मोबाइल मिले थे, जिनमें से एक मोबाइल आरोपी अंकित और एक सौरभ और एक मोबाइल अंकिता था। मोबाइलों को परीक्षण के लिए चंडीगढ़ लैब भेजा गया था, जिसकी जांच रिपोर्ट भी चार्जशीट में शामिल है। हालांकि, आजतक जांच टीम को अंकिता और आरोपी पुलकित का दूसरा मोबाइल नहीं मिल पाया है। एडीजी ने बताया कि पूरे मामले की जांच हो चुकी है। हालांकि, बाकी जांच जारी रहेगी और SIT अपना काम करती रहेगी।

कुछ सुराग जुटाना बाकी

डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर पी. रेणुका देवी की निगरानी में SIT जांच कर रही है। उनका कहना है कि सभी साक्ष्यों को कलेक्ट कर लिया गया है, फिलहाल अभी इस पूरे मामले में कुछ साक्ष्य बाकी है, जिनकी जांच की जा रही हैं और कोर्ट से नार्को की परमिशन मिलने के बाद उसकी रिपोर्ट बनाकर एडिशनल चार्जशीट दाखिल की जाएगी। आरोपियों के खिलाफ 302, 201, 120 बी, 354 के साथ अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल होगा।

22 को नार्को टेस्ट पर सुनवाई

मामले में 22 दिंसबर को कोर्ट में नार्को टेस्ट को मंजूरी देने पर सुनवाई होगी। हालांकि, पुलिस ने नार्को टेस्ट की हामी भरी है। लेकिन उसे कोर्ट में भी हामी भरनी होगी, तब जाकर नार्को टेस्ट होगा। दूसरे आरोपी ने कोर्ट से इस संबंध में दस दिन का वक्त मांगा था।

क्या है पूरा मामला

बीते 18 सितंबर 2022 को यमकेश्वर के वनन्तर रिजॉर्ट से रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी लापता हो गई थी। 24 सितंबर को चीला पॉवर हाउस इनटेक में नहर से एसडीआरएफ ने अंकिता भण्डारी का शव बरामद किया था। इस मामले में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलकित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। रिजॉर्ट से अंकिता भंडारी को इन तीनों के साथ जाने और उसके बाद से नहीं देखे जाने की बात सामने आई थई। पूछताछ में इन तीनों ने अंकिता भण्डारी को चीला नहर कुनाउ पुल के पास धक्का देकर हत्या करने की बात बताई थी। मामले के खुलासे को लेकर डीआईजी कानून व्यवस्था पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी टीम गठित की गई थी।

अंकिता भाजपा नेता के बेटे के होटल में काम करती थी। इस दौरान उस पर आरोपियों ने देह व्यापार का काम करने का दबाव बनाया था। लेकिन अंकिता ने इस बात से इंकार किया था। बाद में अंकिता लापता हो गई थी और चिल्ला नहर से उसकी लाश मिली थी। मामले ने काफी तूल पकड़ा था। प्रदेश ही नहीं, देश को झकझोर कर रख दिया था। पूरे मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के लिए एक एसआईटी (SIT) बनाई थी, जो जांच कर रही है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चल रहा है।

एडीजी वी मुरूगेशन (ADG V Murugesan) ने बताया कि मामले से सम्बंधित गवाहों द्वारा विवेचना में दिए गये इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों और घटनास्थल से मिले इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का एफएसएल परीक्षण कराया गया है। मामले में 90 दिन के भीतर ही चार्जशीट दाखिल की जा रही है। 22 दिसंबर को तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी को तीन माह पूरे हो रहे हैं और उसी दिन नार्को टेस्ट की सुनवाई भी है।

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