अल्मोड़ा : परिजनों से नाराज घर छोड़ चल दी 17 साल की नाबालिग लड़की

✒️ पुलिस ने सकुशल की बरामद, काउंसलिंग में लड़की ने कही यह बात सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा नौजवानी की दहलीज पर कदम रखने को जा रहे…

नाबालिग लड़की बरामद

✒️ पुलिस ने सकुशल की बरामद, काउंसलिंग में लड़की ने कही यह बात

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

नौजवानी की दहलीज पर कदम रखने को जा रहे नाबालिग कभी-कभी भावावेश में गलत कदम उठा लेते हैं। जवान होते बच्चों को संभालना भी आज के दौर में किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं। यहां एक महज 17 साल की लड़की अपने घर वालों से किसी बात से नाराज हो गई। जिसके बाद उसने न आगे देखा ना पीछे और घर से निकल पड़ी। ऐसे में परिजनों की सूचना पर पुलिस ने तत्काल एक्शन लिया और इस नाबालिग को सूचना प्राप्त होने के महज एक घंटे के भीतर ही बरामद कर लिया। नहीं तो परिस्थितियां कुछ और भी हो सकती थी।

परिजनों ने पुलिस को दी यह सूचना

दरअसल, यह मामला अल्मोड़ा जनपद के चौखुटिया क्षेत्र का है। आज सोमवार को सुबह 06.13 बजे थाना चौखुटिया में सूचना प्राप्त हुई कि चौखुटिया निवासी एक नाबालिग बालिका (उम्र 17 वर्ष) घर से नाराज होकर कल कहीं चली गई है। परिजनों के मुताबिग गत सांय किसी बात से वह नाराज हो गई थी। जब वह सुबह सोकर उठे तो बालिका अपने कमरे में नहीं थी। जिस कारण किसी अनहोनी की आशंका से उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित कर दिया।

थानाध्यक्ष ने तत्काल लिया एक्शन

इधर थानाध्यक्ष चौखुटिया अवनीश कुमार ने नाबालिग बालिका के गुमशुदगी के मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल पुलिस बल के साथ थाना क्षेत्र में नाबालिग बालिका की खोजबीन प्रारम्भ कर दी। इस दौरान लोगों से पूछताछ करने के साथ ही हर आने-जाने वाले वाहनों की सघन चेकिंग की गयी।

दिल्ली वाली बस में मिल गई बालिका

इस बीच तलाशी के दौरान दिल्ली जाने वाली बस से नाबालिग बालिका को सुबह करीब सवा सात बजे सकुशल बरामद किया गया। पूछताछ पर बालिका ने बताया कि वह अपने परिजनों से नाराज होकर दिल्ली जाने के लिए बस में बैठी थी। बालिका को समझाकर-बुझाकर पहले पुलिस ने अपने संरक्षण में​ लिया और थाने ले आये। बालिका को उचित काउंसलिंग के उपरांत उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।

परिजनों ने पुलिस का जताया आभार

अपनी नाबालिग बालिका के घर से नाराज होकर गायब होने पर परिजन काफी परेशान थे। अपनी बेटी को सकुशल वापस पाकर परिजनों के चेहरों पर खोई हुई मुस्कान लौट आई और उन्होंने अल्मोड़ा पुलिस का आभार जताया। पुलिस टीम में
थानाध्यक्ष चौखुटिया अवनीश कुमार, हेड कांस्टेल प्रदीप रौतेला, थाना चौखुटिया, कांस्टेबल रजनीश वर्मा, थाना चौखुटिया व महिला कांस्टेबल पार्वती रावत शामिल रहे।

क्या कहते हैं बाल मनोवैज्ञानिक

बाल मनोविज्ञानियों के अनुसार टीन एज में अकसर बच्चों में काफी बदलाव दिखाई देता है। यदि घर का माहौल खुला न हो तो बच्चे अपने माता-पिता व अन्य परिजनों से अपनी बातों को छुपाना शुरू कर देते हैं। फिर धीरे-धीरे उनके बीच दूरियां बढ़ने लगती है। टीन एजर बच्चों को हैंडल करना हर माता-पिता को सीखना चाहिए। माता-पिता को यह समझना चाहिए कि जब बच्चा छोटा होता है तो माता-पिता की हर बात इसलिए मानता है, क्योंकि वह स्वयं कुछ कर पाने में समर्थ नहीं होता। इसके विपरीत जब वे टीन एज में आ जाते हैं तो उनकी सपनों की उड़ान शुरू हो जाती है। वह माता-पिता के बजाए अपने दोस्तों की अधिक सुनने लगते हैं। किशोरावस्था में बच्चें में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव भी आ जाते हैं। ऐसे में माता-पिता को उसके अभिभावक की बजाए दोस्त बनकर उसके साथ घुलना-मिलना चाहिए। इस उम्र में अधिक डांट-फटकार काम नहीं आती है। बाल मनोविज्ञानियों के अनुसार माता-पिता को टीन एजर्स हो रहे बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय गुजारना चाहिए और उनकी भावनाओं को भी महत्व देना सीखना चाहिए। यदि बच्चे में कोई दिक्कत दिखाई दे दो किसी भी योग्य मनो विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें।

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