श्रीनगर/नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के समीप बादल फटने की घटना के बाद पैदल यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। फिलहाल अमरनाथ में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि कि अमरनाथ गुफा की मलबा हटाने का काम और लापता लोगों की तलाश तेज कर दी गयी है। सेना की दो बचाव टीम और अन्य विशेषज्ञ दल पवित्र गुफा में पहुंच गये हैं।
उन्होंने बताया कि बचाव अभियान के लिए सेना के हेलिकॉप्टरों की मदद ली जा रही है। बीएसएफ के एमआई 17 हेलिकॉप्टर को भी मृतकों के शवों को उनके घरों तक पहुंचाने तथा घायलों को आगे के इलाज के लिए नीलगढ़ हेलीपैड/बालटाल से बीएसएफ कैंप श्रीनगर तक हवाई परिवहन के लिए लगाया गया है। बाढ़ के कारण अमरनाथ पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित कर दिया गया है।
आईटीबीपी के अधिकारियों ने बताया कि लोगों को निकालने का काम तड़के 03:38 बजे तक जारी रहा। यात्रा मार्ग पर कोई यात्री नहीं बचा है तथा अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
शुक्रवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी। घटना के बाद अचानक आयी बाढ़ से बालटाल में आधार शिविर में तीन सामुदायिक रसोई और कम से कम 25 तंबुओं के बह जाने से करीब 40 लोगों के लापता होने की खबर है।
अधिकारियों ने बताया
कुलदीप सिंह, डीजी, सीआरपीएफ ने बताया, गंभीर रूप से घायल लोगों को श्रीनगर ले जाया गया। 2 लोग जो मलबे में दब गए थे लेकिन जीवित थे, उन्हें बचा लिया गया। हम सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार 41 लोग लापता हैं, जिनमें से कुछ को बचा लिया गया है। अमरनाथ यात्रा एक या दो दिन में शुरू हो सकती है।
इधर श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारी ने बताया, 35 तीर्थयात्रियों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। 17 लोगों का इलाज चल रहा है और उनके आज रात छुट्टी होने की संभावना है। सभी सुरक्षित और स्वस्थ है।