गिरोह के दो बदमाशों को एम.पी. से दबोच लाई अल्मोड़ा पुलिस
फर्जी सीबीआई ऑफिसर बन बुजुर्ग को कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाया
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा देवेंद्र पिंचा के नेतृत्व में अल्मोड़ा पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। पुलिस व एसओजी टीम ने एक सेवानिवृत्त 66 साल के बुजुर्ग को 5 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके उनसे 7 लाख से अधिक की धनराशि हड़पने वाले दो आरोपियों को मध्य प्रदेश के खरगौन से गिरफ्तार कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि पुलिस—प्रशासन के बार—बार चेतावनी देने के बावजूद आम जन साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। मामला गत जनवरी 2025 का है।
21 फरवरी 2025 को लमगड़ा क्षेत्र निवासी जीवन सिंह मेहता निवासी बर्गला लमगड़ा द्वारा तहरीर दी गई कि अज्ञात अभियुक्तों द्वारा गत 13 जनवरी 2025 से 17 जनवरी तक डिजिटल अरेस्ट कर मनी लॉन्ड्रिंग केस में संलिप्त होने का डर दिखाकर 7 लाख 20 हजार रुपये हड़प लिये हैं। जिस आधार पर थाना लमगड़ा में अभियोग पंजीकृत किया गया।
एसएसपी देवन्द्र पींचा द्वारा संबंधितों को निर्देशित कर पुलिस टीम का गठन किया गया और साइबर ठगी के गिरोह को दबोचने के लिये आवश्यक कार्यवाही शुरु की गई। एसएसपी द्वारा गठित पुलिस टीम को समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जा रहे थे।
अपर पुलिस अधीक्षक हरबन्स सिंह व सीओ अल्मोड़ा गोपाल दत्त जोशी के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष लमगड़ा राहुल राठी व प्रभारी एसओजी अल्मोड़ा भुवन जोशी के नेतृत्व में कार्रवाई गतिमान रही।
पुलिस टीम पुरस्कृत
थाना लमगड़ा व एसओजी की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा आवश्यक सुरागरसी-पतारसी की गई तथा साइबर सेल प्रभारी कुमकुम धानिक के नेतृत्व में साइबर टीम द्वारा गिरोह के बारे में आवश्यक जानकारी जुटाई गई। दोनों टीमों के संयुक्त प्रयास से 21 अप्रैल 2025 को बुजुर्ग व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के 02 अभियुक्तों को 1200 किलोमीटर दूर खरगौन मध्य प्रदेश से गिरफ्तार करने में सफलता मिली। इस गिरोह के अन्य संलिप्तों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साइबर ठगी गिरोह की चेन का पता लगाकर गिरफ्तार करने के प्रयास जारी है। एसएसपी द्वारा पुलिस टीम को 10 हजार रुपये के नगद इनाम से पुरस्कृत किया गया है।
डिजिटल अरेस्ट की कहानी —
गत 13 जनवरी को लमगड़ा क्षेत्र निवासी बुजुर्ग को एक अज्ञात विडियो कॉल आती है। फोनकर्ता ने सीबीआई ऑफिसर बनकर बुजुर्ग को मनी लॉन्ड्रिंग केस के खाते में उनका आधार पैन कार्ड लगा होने और संलिप्ता का डर दिखाया। बताया कि उनको डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है।
बुजुर्ग को डरा—धमकाकर कहा गया कि आप लगातार विडियों कॉल पर जुड़े रहोगे और इसके बारे किसी परिवार या अन्य को नहीं बताओगे। आपका एकाउंट वैरिफाई करना है। आप कुछ पैसा जो खाते हम बताते है उनमे डालें। आपका वैरिफिकेशन किया जा रहा है ,जो आपको बाद में वापस हो जायेगा। आप हमारे साथ कॉपरेट करें अन्यथा आपको गिरफ्तार किया जायेगा या एनकाउंटर भी हो सकता है। यह बहुत बड़ा मामला है।
ऐसे धमकाया तो बुजुर्ग द्वारा तीन किस्तों में 7 लाख 20 हजार रुपये साइबर ठगों द्वारा बताये गये खातों में भेजे गये। जब बुजुर्ग द्वारा और अधिक रुपये न होने पर असमर्थता जतायी तो,साइबर ठगों ने कहा कि कोई बात नही हम जांच कर रहे है,फिर आपके पैसे वापस आ जायेंगे।
जब काफी दिनों बाद पैसे वापस नहीं आये और उनके सम्पर्क नंबर ऑफ आ रहे थे, लगभग एक माह बाद 21 फरवरी 2025 को वादी जीवन सिंह मेहता द्वारा लमगड़ा थाने पर तहरीर दी गई थी। जिस पर थाना लमगड़ा में तत्काल एफ.आई.आर. 3/2025 धारा 318(4)/61(2) BNS के अन्तर्गत पंजीकृत किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में संतोष गुर्जर उम्र 31 वर्ष पुत्र कालूजी गुर्जर निवासी बावड़ीखेड़ा, थाना बडवाह जिला खरगौन मध्य प्रदेश तथा कपिल सोनी उम्र 49 वर्ष पुत्र प्रेम सूरज सोनी निवासी 611 क आचार्य विनोबा भावे वार्ड-15 थाना व जिला खरगौन मध्य प्रदेश शामिल हैं। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में एसआई दिनेश परिहार, प्रभारी चौकी जैंती थाना लमगड़ा तथा
एसओजी अल्मोड़ा के परवेज अली व साइबर टीम अल्मोड़ा शामिल रही।