Breaking News : रास्ते में ही हांफ गई अल्मोड़ा—देहरादून बस सेवा, कई घंटे विलंब से राजधानी पहुंचे यात्री, कब तक लंबे रूटों पर दौड़ती रहेंगी रोडवेज की यह खटारा बसें ?

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ालंबी दूरी के मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा सुविधा देने के उद्देश्य से संचालित रोडवेज बसों का सफर खस्ताहाल बसों को चलाये…

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
लंबी दूरी के मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा सुविधा देने के उद्देश्य से संचालित रोडवेज बसों का सफर खस्ताहाल बसों को चलाये जाने से सवालों के घेरे में आ रहा है। गत दिवस ऐसी ही एक बानगी देखी गई जब अल्मोड़ा—देहरादून बस कैंची के पास अचानक खराब हो गई, जिससे यात्रियों को करीब एक से डेढ़ घंटा इंतजार करना पड़ा और गंतव्य तक पहुंचने में लगभग दो घंटे का विलंब हो गया, जिससे यात्रियों की भारी फजीहत हुई।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपो से सुबह छह से आठ बजे के मध्य बारी-बारी से मैदानी व पर्वतीय रूटों पर संचालित होने वाली छह बस सेवाएं अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसमें अल्मोड़ा—देहरादून बस सेवा भी है। अल्मोड़ा के नागरिकों को राजधानी समय से पहुंचाना इस बस सेवा का मुख्य उद्देश्य है। इसके अतिरिक्त् टनकपुर, धरमघर, दिल्ली, अटपेसिया व हरिद्वार के लिए बस सेवाओं का संचालन भी कई सालों से है। इन्हीं बस सेवाओं में से एक अल्मोड़ा—देहरादून बस सेवा गत दिवस बृहस्पतिवार को सुबह 6 बजे गंतव्य के लिए रवाना हुई। यह बस यात्रियों को लेकर एनएच पर दौड़ रही थी कि अचानक कैंची के पास बस का स्टेयरिंग लॉक हो गया। इसके बाद लगभग डेढ़ घंटे तक बस सड़क पर ही खड़ी हो गई। फिर एक मैकेनिक को बुला फॉल्ट ठीक किया गया। तब कहीं जाकर यात्रियों ने राहत की सांस ली। किंतु यात्रियों को देहरादून पहुंचने में कई घंटों का विलंब हो गया। यात्रियों की यह शिकायत है कि अकसर लंबे रूट की बसें बिना परीक्षण किए वर्कशाप से रवाना कर दी जाती हैं। जबकि यह रोडवेज प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह वर्कशॉप में बसों को रवाना करने से पूर्व उनकी जांच करें। जिससे यात्रियों को बार—बार फजीहत नही झेलनी पड़े। यहां यह भी बता दें कि गत दिवस रोडवेज की अल्मोड़ा से दिल्ली जा रही भवाली डिपो की बस संख्या यूके 07 पी ए 3286 काकड़ीकाट के समीप ब्रेक फेल हो जाने से दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में आधे दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये, जिनमें से कई का अभी भी उपचार चल रहा है। इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति नही हो इसके लिए रोडवेज प्रशासन को ​उचित कदम उठाने की जरूरत है।

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