अल्मोड़ा : अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए ग्राम पंचायतों के अधिकारी

✒️ कार्यात्मक विलय की खिलाफत में संपूर्ण जनपद में विरोध-प्रदर्शन ✒️ ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर सीएनई…

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी

✒️ कार्यात्मक विलय की खिलाफत में संपूर्ण जनपद में विरोध-प्रदर्शन

✒️ ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर

सीएनई रिपोर्टर, पनुवानौला/अल्मोड़ा। ग्राम पंचायत विकास संगठन अल्मोड़ा ने प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार क ऐलान कर दिया है। आज से संपूर्ण जनपद में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी हड़ताल पर चले गये हैं। विरोध का मुख्य कारण ग्राम पंचायतों में सचिव का कार्य पंचायती राज एवं ग्राम विकास विभाग के कर्मचारी को दिए जाने का आदेश जारी करना है।

विकासखंड धौलादेवी के समस्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों ने खंड विकास अधिकारी धौलादेवी को सौंपे ज्ञापन में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार में जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गत दिवस 16 जनवरी, 2023 को अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास के आदेश जारी हुए हैं। जिसमें ग्राम पंचायतो में सचिव के रूप ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी दोनों में से एक ही कि नियुक्ति करने व सम्बन्धित अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम्प विकास विभाग व पंचायती राज विभाग की योजनाओं को संचालित किए जाने के सम्बंध में व आदेश है। आकस्मिक अवकाश, चरित्र पंजिका से इत्यादि से संबंधित अधिकार खंड विकास अधिकारी को प्रदान किये जाने के संबंध के आदेश निर्गत किये गए हैं। चूंकि उक्त निर्णय ग्राम पंचायत विकास संवर्ग के समस्त साथियों के सेवा शर्तों से सम्बंधित है। इस संबंध में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एशोसिएशन को बिना विश्वास में लिए उक्त महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाने की सम्भावना के दृष्टिगत ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन विरोध दर्ज करती है।

उन्होंने कहा कि उक्त आदेश द्वारा केवल ग्राम पंचायत स्तर पर ही पदों का कार्यात्मक विलय किया गया है, जबकि यदि शासन को लगता है दोनों पदों का कार्य एक समान है तो दोनों में से पद को मृत संवर्ग घोषित कर ग्राम स्तर से लेकर शाशन स्तर तक पदों का आवश्यकतानुसार ढांचा बनाकर एक विभाग बनाया जाना चाहिए। जैसे व्यवस्था हिमांचल प्रदेश में है, जहां ग्राम विकास अधिकारी पद मृत संवर्ग कर नई भर्ती नही की जा रही है। उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा पूर्व में भी विरोध दर्ज किया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्व में विकासखण्डों में खण्ड विकास अधिकारी के पदो पर खंड विकास अधिकारी के नियंत्रणाधीन पंचायतीराज कृषि सहकारिता सांख्यिकी, समाज कल्याण आदि विभागो के सहायक विकास अधिकारियों को खण्ड विकास अधिकारी के पद पर पदोत्रति प्रदान की जाती थी। ग्राम्य विकास विभाग के पुनर्गठन के पश्चात यह व्यवस्था समाप्त कर दी गयी और विकास खण्डो में दो सहायक खण्ड विकास अधिकारियों के पद सृजित कर अब केवल सहायक खण्ड विकास अधिकारियों को ही खण्ड विकास अधिकारी के पदो पर पदोत्रति दी जा रही है। इसलिए वर्तमान में इस प्रकार की व्यवस्था सम्भव नहीं है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व लागू इस व्यवस्था का परिणाम था कि कनिष्ठ प्राoविoअधि० ज्येष्ठ सहायक विकास अधिकारी पंचायत से पूर्व खंड विकास अधिकारी पद पर पदोत्रति प्राप्त कर उनके उच्चाधिकारी बन गये। संगठन द्वारा बहुउद्देशीय कर्मी व्यवस्था के विरुद्ध उच्चतम् न्यायालय में वाद दायर किया गया। जिसके फलस्वरुप न्यायालय के आदेशानुसार अन्य विभाग के कार्मिको को उनके मूल विभाग में वापस भेजा गया था। वर्तमान में पंचायती राज विभाग में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी संवर्ग से स्वीकृत पदों में अधिकतर पदों पर विभागीय कार्मिक नियुक्त है और रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। अतः अकारण ही अन्य विभाग के कार्मिकों को पंचयती राज विभाग से संबंधित दायित्व सौंपा जाने का निर्णय अव्यवहारिक है।

उन्होंने कहा कि बिना संगठन को विश्वास में लिये कार्यात्मक विलय के संबंध में निर्णय लिए जाने पर कार्य बहिष्कार किये जाने का निर्णय लिया गया है। अतएव आज 17 जनवरी, 2023 से समस्त जनपदों के ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर रहेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में पीयूष सिंह नेगी, महेश तिवारी, राजेश वर्मा, देवेंद्र पाल, मुकेश कुमार, त्रिभुवन भट्ट, आशीष कांडपाल, मुकेश नैनवाल, रक्षित जोशी आदि शामिल रहे।

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