अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल ने कराए पहाड़ की संस्कृति व परंपराओं के दर्शन

👉 ऐतिहासिक मल्ला महल में अपने तरह का पहला आयोजन, चहल-पहल👉 ‘जागर’ की प्रस्तुति ने बांधा समां, प्राचीन वाद्य यंत्रों की धुनें गूंजायमान सीएनई रिपोर्टर,…

अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल ने कराए पहाड़ की संस्कृति व परंपराओं के दर्शन

👉 ऐतिहासिक मल्ला महल में अपने तरह का पहला आयोजन, चहल-पहल
👉 ‘जागर’ की प्रस्तुति ने बांधा समां, प्राचीन वाद्य यंत्रों की धुनें गूंजायमान

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः सांस्कृतिक नगरी में स्थित ऐतिहासिक मल्ला महल में पहली बार आयोजित ‘अल्मोड़ा लिटरेचर फेस्टिवल’ से व्यापक चहल पहल बनी है। तीन दिवसीय फेस्टिवल के दूसरे रोज गत शनिवार को प्राचीन कुमाऊंनी संस्कृति एवं परंपराओं के दर्शन हुए। प्रसिद्ध लोकगायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट एवं उनकी टीम ने ’जागर’ की शानदार प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके अलावा छोलिया नृतकों के दल ने परंपरागत वेशभूषा में अलग-अलग आयामों को प्रदर्शित कर शानदार नृत्य परंपरा का प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं प्राचीन वाद्य यंत्रों की कर्णप्रिय धुनें गुंजायमान रहीं।

लोकगायिका बसंती बिष्ट एवं उनके साथियों की टीम ने पारंपरिक जागर गीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई। जिसमें पहाड़ के पारंपरिक वाद्य यंत्र की हुड़के की थाप ने अलग ही छाप छोड़ी। जिसकी दर्शकों व श्रोताओं ने मुक्तकंठ से सराहना की और तालियों की गड़गड़ाट से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। दूसरे दिन मल्ला महल में फेस्टिवल से वातावरण लोक संगीत से गुंजायमान रहा। जागर की प्रस्तुति के उपरांत चन्दन बोरा एवं उनके छोलिया नृतकों की टोली ने अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोहा। जिसमें छोलिया नृत्य के विविध आयाम देखने को मिले। संगीत के इन कार्यक्रमों में प्राचीन वाद्य यंत्र ढोल, दमाऊं, तुरही एवं रणसिंह की मधुर व कर्णप्रिय ध्वनियां एक साथ लोगों को सुनने को मिली और इस लयबद्ध मिश्रित ध्वनियों ने कार्यक्रम में चार चांद लगाए।

फेस्टिवल के दूसरे दिन डा. ओसी हान्डा व क्किंनी प्रधान ने इतिहास की व्याख्या प्रस्तुत की। इस दौरान संचालन अनिल जोशी ने किया जबकि समन हबीब व संजय मट्टू ने विषय पर चर्चा की तथा अशोक वाजपेयी ने साहित्य में कलात्मकता विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां रखीं। इसमें संचालन मनीषा कुलश्रेष्ठ द्वारा किया गया। प्रख्यात कवि हिमांशु बाजपेयी ने दास्तांनगो काकोरी 1925 पर जानकारी रखी और डा. हैप्पीमैन जैकब, श्रीपर्मा पाठक व प्रो हर्ष पंत ने विदेश नीति व राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर विचार रखे। इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष पंत ने किया।

प्रख्यात कहानीकार शिवानी के सौ साल पूरे होने पर प्रभात रंजन व अदिति माहेश्वरी ने परिचर्चा की। जिसका संचालन दीपा गुप्ता ने किया। इस मौके पर शिवानी की पुत्री ईरा पांडे भी मौजूद रहीं। इस मौके पर आयोजक/ग्रीन हिल संस्था की सचिव डा. वसुधा पांडे, राजेश बिष्ट व जयमित्र बिष्ट समेत तमाम गणमान्य लोग शामिल रहे।

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