University Special: अल्मोड़ा कैंपस पूरी तरह सोबन सिंह जीना विवि के अधीन, अगले महीने जुड़ जाएंगे दो नये कैंपस, प्रशासनिक भवन के लिए भूमि चयन, 29 करोड़ स्वीकृत

— कुलपति ने 16 महीनों में किए उल्लेखनीय कार्य— विवि के विकास को कोई कसर नहीं— प्रो. भंडारीचन्दन नेगी, अल्मोड़ा​नवोदित सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा…

— कुलपति ने 16 महीनों में किए उल्लेखनीय कार्य
— विवि के विकास को कोई कसर नहीं— प्रो. भंडारी
चन्दन नेगी, अल्मोड़ा
​नवोदित सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा को विस्तृत स्वरूप में लाने और इसे मजबूत ढांचे में ढालने के लिए विवि के प्रथम कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी लगातार प्रयासरत हैं। 13 अगस्त 2020 को कार्य भार ग्रहण करने वाले प्रो. भंडारी ने महज 16 महीनों में कई उल्लेखनीय कार्यों को अंजाम दे डाला है। कई कार्य हो चुके हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय का मजबूत ढांचा खड़ा करने के लिए कोरोनाकाल के ​कठिन दौर में भी अथक प्रयास जारी रखे। इसी का प्रतिफल है, आज विश्वविद्यालय बेहतरी की ओर कदम बढ़ा रहा है। अल्मोड़ा कैंपस पूरी तरह इस विश्वविद्यालय के अधीन हो चुका है। अगले माह तक बागेश्वर व पिथौरागढ़ कैंपस भी विवि के अधीन आ जाएंगे। इसके लिए ठोस प्रयास चल रहे हैं। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के लिए 29 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है और इसके लिए भूमि चयन कर सर्वे भी कर लिया है। इन्हीं विषयों पर आज सीएनई संवाददाता की कुलपति प्रो. एनएस भंडारी से वार्ता हुई।

कार्यभार ग्रहण करने के बाद आज प्रो. भंडारी के कार्यकाल को ठीक 16 माह पूरे हो गए हैं। कुलपति प्रो. भंडारी ने सीएनई से वार्ता में विश्वविद्यालय स्तर पर हुए विभिन्न कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षाओं का परिणाम समय पर घोषित हो, ऐसे व्यवस्था कर ली गई है। खेल के क्षेत्र में खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक मौका देने के प्रयास हुए हैं। कुलपति ने कहा कि नये विश्वविद्यालय को विकसित करने में उनके स्तर से हर संभव प्रयास चल रहे हैं।
एसएसजे कैंपस पूरी तरह अधीन (आगे पढ़ें)

कुलपति प्रो. भंडारी ने बताया कि विश्वविद्यालय को मजबूत स्वरूप में लाने की दिशा में कई कार्य पूर्ण हो चुके हैं। अल्मोड़ा आवासीय विश्वविद्यालय का सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में विलय का काम पूरा हो चुका है। साथ ही एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा पूरी तरह सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के अधीन आ चुका है, यहां तक कि शिक्षकों व कर्मचारियों की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। कुलपति ने बताया कि बागेश्वर व पिथौरागढ़ महाविद्यालयों को कैंपस कालेज के रूप में खड़ा करने और सोबन सिंह विश्वविद्यालय के अधीन लाने की दिशा में ठोस कदम उठे हैं। दोनों महाविद्यालयों में डबल एकाउंट आफिसर व एक—एक कार्डिनेटर नियुक्त कर दिए हैं, ताकि विश्वविद्यालय व कालेज के बीच समन्वय बना रहे। दोनों कैंपसों के लिए शिक्षक व कर्मचारियों की व्यवस्था के लिए आगामी 20 दिसम्बर तक विकल्प मांगे हैं। ये विकल्प उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से मांगे गए हैं। इसके बाद जल्द ही दोनों नये कैंपसों में मानव संसाधन की स्थिति साफ हो जाएगी। अल्मोड़ा कैंपस के साथ ही विश्वविद्यालय ने बागेश्वर व पिथौरागढ़ कैंपसों के लिए भी बजट की मांग शासन से कर दी है।
दो नये कैंपस अगले महीने आएंगे अधीन (आगे पढ़ें)

कुलपति ने कहा कि बजट व मानव संसाधन की व्यवस्था होते ही अगले महीने में बागेश्वर व पिथौरागढ़ कैंपस पूरी तरह सोबन सिंह विश्वविद्यालय के अधीन आ जाएंगे। इसके बाद अगले चरण में इन नये कैंपसों को विकसित किया जाएगा और इसके लिए नई फैकल्टियां व विषय खोलने का प्रारूप तैयार कर तेजी से उस दिशा में काम होगा। कुलपति ने बताया​ कि अल्मोड़ा के साथ ही बागेश्वर व पिथौरागढ़ कैंपसों के विश्वविद्यालय के अधीन आने बाद रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कार्य परिषद की बैठक जल्द (आगे पढ़ें)

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में बोर्ड आफ स्टटीज, फैकल्टी बोर्ड व कार्य परिषद का गठन हो चुका है। बोर्ड आफ स्टटीज व फैकल्टी बोर्ड की बैठकें हो चुकी हैं और कार्य परिषद की बैठक की तैयारी की जा रही है। जो शीघ्र की जाएगी।
29 करोड़ से बनेगा प्रशासनिक भवन, भूमि चयनित (आगे पढ़ें)

कुलपति ने बताया कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन 29 करोड़ रुपये से बनेगा। यह धनराशि शासन ने स्वीकृत कर ली है। ब्रिडकुल द्वारा इसकी डीपीआर बनाई जा रही है और दो माह के अंदर इसका निर्माण कार्य का श्रीगणेश शुरू हो जाएगा। इसके लिए भूमि चयन करने के बाद सर्वे भी करा लिया है। यह प्रशासनिक भवन लोअर माल रोड से सटी विश्वविद्यालय की भूमि पर (न्यू ब्वाइज हास्टल के समीप) बनेगा।
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