खुशखबरी: अल्मोड़ा पंत पार्क के सौंदर्य में लगेंगे चार चांद, फिर महकेगा बोगेनबेलिया, अब देवदार की जगह लेगा जिंको बायोलोबा

चन्दन नेगी, अल्मोड़ापिछले दिनों दशकों पुराना देवदार का पेड़ और ऐतिहासिक बोगेनबेलिया की बेल के धराशायी होने से धूमिल हुई अल्मोड़ा के पंडित गोविंद बल्लभ…

चन्दन नेगी, अल्मोड़ा
पिछले दिनों दशकों पुराना देवदार का पेड़ और ऐतिहासिक बोगेनबेलिया की बेल के धराशायी होने से धूमिल हुई अल्मोड़ा के पंडित गोविंद बल्लभ पार्क की सुंदरता फिर लौटेगी, भले ही इसके लिए इंतजार करना पड़ेगा। विशेषज्ञों की राय के आधार पर नगर पालिका ने इस पार्क को हेरिटेज के रूप में विकसित करने और फिर से बोगेनबेलिया लता से आच्छादित करने का निर्णय लिया है। खास बात ये है कि देवदार वृक्ष की जगह नई दुर्लभ वृक्ष प्रजाति लेगी। अब नई बेल जिंको बायोलोबा से आलींगनबद्ध होगी। पार्क का सौंदर्य लौटाने के लिए चिंतित पालिका ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि कुछ रोज पहले अचानक पंत पार्क में 300 साल पुराना बोगेनबेलिया की बेल प्राचीन देवदार के पेड़ के साथ धराशायी हो गई थी। जिसका पालिका के साथ ही सभी लोगों को बड़ा मलाल है। इस घटना से इस पार्क को नुकसान तो पहंचा ही, साथ ही इसके सौंदर्य पर ग्रहण सा लग गया। इससे पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी बेहद व्यथित हुए और उन्हें पार्क की सुंदरता को लौटाने की चिंता सता रही थी। यही वजह थी कि उन्होंने इसके लिए पहल शुरू की और सोमवार को संबंधित विशेषज्ञ अधिकारियों व वैज्ञानिकों से बैठक आहूत की। पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी की अध्यक्षता में नगर में स्थित पंडित गोविंद बल्लभ पंत पार्क में मौजूद देवदार के विशाल वृक्ष एवं उस पर लिपटी बोगेनबेलिया की बेल के जड़ समेत गिर जाने से उत्पन्न स्थिति पर मंथन हुआ। ज्ञात हो कि इससे इस पार्क की सुंदरता में फीकापन आ गया। इस पार्क के सौंदर्य को दुबारा लौटाने के लिए ही विशेषज्ञों की राय जानने को यह बैठक आहूत की गई थी। बैठक में विशेषज्ञों की राय दी कि पार्क रिहायशी इलाके बीच स्थित है, ऐसे में बार-बार पेड़ टूटने जैसी घटनाओं से खतरे की आशंका रहती है और देवदार वृक्ष बहुत देर में बढ़ता है। ऐसी स्थिति में इस जगह पर पुरानी जैसी सुंदरता कायम करने के लिए ऐसी वृक्ष प्रजाति लगाने का सुझाव जो टिकाऊ हो और जल्दी बढ़ता हो। चर्चा उपरांत पर्यावरण संस्थान के निदेशक डा. रावल की राय के अनुसार दुर्लभ प्रजाति जिंको बायोलोबा नामक पौधे का रोपण किया जाएगा। जो देवदार प्रजाति का ही अन्य पेड़ होता है और दुर्लभ है। इसकी खासियत है कि यह जल्दी बढ़ता है, बहुत हल्का और सुंदर होता है। इसकी लंबाई 25 से 30 फिट तक होती है।
यह भी तय किया गया कि इसी पौधे के साथ-साथ बोगेनबेलिया के पौधे का रोपण किया जाएगा और इस स्थान पर टूटे हुए प्राचीन पेड़ का एक भाग स्मृति स्वरूप रखा जाएगा। यह भी तय हुआ कि पार्क को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पार्क का जीणोद्धार कर इसे सुंदर व आकर्षक बनाने के लिए आगणन तैयार किया जाएगा। आगणन की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से नगर पालिका व वन विभाग को सौंपी गई है। यह भी तय हुआ कि नगर में सड़कों के किनारे जहां भी भूमि उपलब्ध है, वहां पालिका वन विभाग व अन्य विभागों से मिलकर वृक्षारोपण करने की योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए ट्रीगार्ड बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग की मदद ली जाएगी।
बैठक में पालिकाध्यक्ष प्रकाशचंद्र जोशी समेत जीबी पंत पर्यावरण विकास संस्थान कोसी कटारमल अल्मोड़ा के निदेशक डा. आरएस रावल, विवेकानंद कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. राम प्रकाश यादव, जिला उद्यान अधिकारी टीएन पांडे, वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा, दिनकर प्रसाद जोशी, पर्यटन कार्यालय के सुंदर सिंह बोरा, पालिका के ईओ श्याम सुंदर प्रसाद, कार्यालय अधीक्षक मुकेश भंडारी, अवर अभियंता महेंद्र सिंह बिष्ट, वन पर्यवेक्षक रूप सिंह आदि ने सुझाव रखे। उक्त लोगों ने पार्क पर जाकर मौका मुआयना भी किया।

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