अविश्वसनीय:अल्मोड़ा में गुलदार की नजरों के सामने 4 मासूमों ने बिताई पूरी रात

✒️ जिंदगी थी गुलदार के रहमोकरम पर, फिर क्या हुआ, पढिये पूरी ख़बर सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा है ना कितना खौफनाक! दुर्गम जंगल हो और ठंड…

अविश्वसनीय:अल्मोड़ा में गुलदार की नजरों के सामने 4 मासूमों ने बिताई पूरी रात

✒️ जिंदगी थी गुलदार के रहमोकरम पर, फिर क्या हुआ, पढिये पूरी ख़बर

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

है ना कितना खौफनाक! दुर्गम जंगल हो और ठंड के दिन। ऐसे में रात 04 भूखे—प्यासे छोटे बच्चे एक कच्चे टैंट में दुबके हों और इस टैंट के सामने गुलदार बैठा हो। सुनने में ये कोई फिल्म की कहानी प्रतीत होती है, किंतु हकीकत है, जब ये चारों बच्चे ऐसी स्थिति में बेहद डरे-सहमे ही सही, लेकिन सकुशल मिल गए और परिजनों व पुलिस ने चैंन की सांस ली। यह वाकया अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर थानांतर्गत का है।

Four innocents narrowly escaped from becoming a leopard’s morsel

सोमेश्वर थाना क्षेत्रांतर्गत सोमेश्वर से करीब 30 किमी दूर एवं पिनाकेश्वर के जंगल से लगा दुर्गम ग्राम कांटली है। जहां नेपाली मूल के एक व्यक्ति कर्ण बहादुर खत्री अपने तीन नाबालिग बच्चों के साथ रहता है। इन बच्चों की मां करीब दो साल पहले इन्हें छोड़ कर कहीं चल दी। कर्ण बहादुर ने किसी बात को लेकर अपने बच्चों को डाटा-फटकारा, तो तीनों बच्चे नाराज होकर घर से नेपाल जाने की योजना बना डाली। जब पिता कर्ण बहादुर अपने काम पर ​निकला, तो मौका देख तीनों बच्चे गत 21 नवंबर, 2022 को घर से अपने पड़ोसी जगदीश राम की 10 वर्षीय बेटी को साथ लेकर पिनाकेश्वर के जंगलो की ओर चल दिए।

Police rescue four children from Leopard.

जब शाम करीब 5 बजे कर्ण बहादुर घर लौटा, तो अपने बच्चों को घर में नहीं देखकर घबरा गया। उसने आस-पड़ोस में पूछताछ की, तो पता चला की पड़ोसी जगदीश राम की बेटी भी घर से गायब है। अब परिजन व गांव के लोग इन चार बच्चों की ढूंढ खोज में जुट गए। आसपास छाना, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चल पाया। अंत में थक-हारकर कर्ण बहादुर खत्री व जगदीश राम ने अपने बच्चों के बिना बताए घर से गुम होने की सूचना 22 नवंबर, 2022 की सुबह थानाध्यक्ष सोमेश्वर को दी।

थानाध्यक्ष सोमेश्वर ने तत्काल घटनाक्रम से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा को इत्तला की। पुलिस ने 04 बच्चों का एक साथ गायब होने को अति संवेदनशील माना और गंभीरता से लिया। उधर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि इनमें क्रमश 15 साल, 13 साल व 10 साल की तीन लड़कियां व 10 साल का एक लड़का शामिल है।

खोज में जंगल भटकी पुलिस

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय के निर्देश पर सोमेश्वर थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी त्वरित ढंग से एक टीम खुद के नेतृत्व में और दूसरी टीम वरिष्ठ उप निरीक्षक मोनी टम्टा के नेतृत्व गठित की और कांटली व पिनाकेश्वर के जंगलों में सघन कांबिंग की। इस दौरान जंगल से पुलिस टीम को गुलदार की गुर्राने की आवाज सुनाई दी, तो इससे यह शंका उभर आई के गुलदार ने बच्चों के साथ कोई अनहोनी कर दी। पुलिस टीम ने ढूंढखोज जारी रखी।

इर्द—गिर्द गुलदार और टैंट में बच्चे

पुलिस जंगल में बच्चों की खोज रही थी कि इसी बीच पुलिस को दूर एक टैन्ट लगा दिखा। पुलिस टीम ने जाकर देखा, तो टैन्ट के अन्दर एक चारपाई रखी थी, जिसके नीचे चारों बच्चे डरे—सहमे छुपे हुए थे। पुलिस टीम ने प्यार—दुलार से बच्चों को अपने पास बुलाया और बच्चों से पूछताछ की। तो बच्चों ने बताया कि वह अपने नानी के घर नेपाल जाने के लिए घर से निकले थे, जंगल में आकर रास्ता भटक गये। उन्हें जंगल में गुलदार दिखा, तो काफी डर गए और उन्हें यह टैंट दिखा हम काफी डर गये। जंगल में हमें टैन्ट दिखाई दिया तो हम गुलदार के डर से टैन्ट में रखे चारपाई के नीचे छुप गये थे। बच्चे काफी भूखे व डरे हुए थे। बच्चों ने बताया कि रात से ही बाघ उनके टैन्ट के आसपास घूम रहा था और कुछ देर टेन्ट के आगे बैठा भी था। बहरहाल थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी व पुलिस टीम ने बच्चों को अपने साथ लेकर सकुशल उनके परिजनों के सुपुर्द किया। अपने बच्चों को सकुशल वापस पाकर परिजन अत्यधिक प्रसन्न हुए और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े।

पुलिस टीम होगी सम्मानित

सोमेश्वर पुलिस की इस तत्परतापूर्ण कार्यवाही की परिजनों व प्रत्यक्षदर्शियों ने सराहना की और आभार जताया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने ऐलान किया है कि इस कार्रवाई के लिए सोमेश्वर ​थाना पुलिस की पुलिस टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। पहली पुलिस टीम में थानाध्यक्ष विजय सिंह नेगी, आरक्षी अरविंद सिंह, कुलदीप, सूरज, एचजी भुवन नाथ, दूसरी टीम में वरिष्ठ महिला उप निरीक्षक मोनी टम्टा, एचसीपी विपिन जोशी, आरक्षी श्रवण सैनी, वेद प्रकाश, कुंदन वर्मा, एचजी दीपक कुमार आदि शामिल थे।

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